

उत्तराखण्ड में कुछ ही माह भीतर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सत्तारूढ़ भाजपा ने राज्य को नया सीएम दे जनता की नाराजगी थामने का प्रयास तो कर डाला लेकिन जमीनी स्तर पर इसका कोई खास असर पड़ा नहीं है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी अब इलेक्शन मोड में आती नजर आ रही है। राज्य की कद्दावर नेता डाॅ इंदिरा हृदयेश के आकस्मिक निधन से प्रदेश कांग्रेस में भारी उथल-पुथल होने के पूरे आसार हैं। हृदयेश राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थीं। अब उनके स्थान पर वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को लाने की संभावना सबसे ज्यादा है। यदि ऐसा हुआ तो प्रीतम सिंह को प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ना होगा ताकि जातिगत समीकरणों को साधा जा सके।

खबर है कि अल्मोड़ा के पूर्व विधायक मनोज तिवारी अथवा चंपावत के पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपे जाने पर कांग्रेस आलाकमान विचार कर रहा है। हालांकि टीम राहुल के सदस्य रहे कांग्रेसी नेता प्रकाश जोशी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी इस दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं लेकिन ज्यादा संभावना इन दोनों से इत्तर किसी अन्य को यह जिम्मेदारी दिए जाने की है। ऐसे में यकायक ही कांग्रेस मुख्यालय में मनोज तिवारी और हेमेश खर्कवाल का नाम चर्चा में आना प्रदेश कांग्रेस में बड़े बदलाव का संकेत है। पार्टी सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव इस मुद्दे पर गत् सप्ताह राज्य के एक बड़े नेता संग लंबी वार्ता कर चुके हैं। अब नेता प्रतिपक्ष का नाम तय होने के बाद प्रदेश कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिलने की संभावना प्रबल हो चली है।