मां शैलपुत्री की पूजा के साथ नवरात्र प्रारंभ, मंदिरों में गूंजे जयकारे

–शारदीय नवरात्र के साथ ही मंदिरों में बढ़ी भीड़
हरिद्वार। राहुल गिरि
मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना के साथ शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो गया। मठ-मंदिरों में प्रात:काल घट स्थापना के साथ मां नव दुर्गा के प्रथम रूप शैल पुत्री की पूजा अर्चना शुरू हो गई है। महानगर के विभिन्न मंदिरों में माता के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो गया।

प्रात: काल से ही धर्मनगरी हरिद्वार के विभिन्न मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा और माहौल मां दुर्गा के जयकारों से गूंज उठा। मां इस बार घोड़े पर सवार होकर भक्तों के द्वार पहुंची है। इससे पहले भक्तों ने मां दुर्गा के सुमिरन के साथ घट स्थापना शुरू की और मां के भक्त गंगा तट पहुंचकर कलशों में गंगाजल भरकर लाए। मां दुर्गा के आह्वान और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ घर के देव स्थल पर मिट्टी से खेत्री (मां का दरबार) बनाई। इसमें जौ बोए गए और फिर कलशों में गंगाजल के साथ कुशा, अक्षत, रौली, चांदी का सिक्का आदि रखा गया। तत्पश्चात कलश के शीर्ष भाग पर रक्तवर्णी वस्त्र में लपेट कर श्रीफल विराजा गया। इसके बाद गणेश पूजन व नव ग्रह पूजन कर स्थान देवता और कुल देवताओं का आह्वान कर मां दुर्गा का पूजन हुआ। मां दुर्गा की स्तुति और आह्वान के साथ कलशों को खेत्री के ऊपर प्रतिष्ठित किया। इस तरह से मठ-मंदिर से लेकर घर-घर घट स्थापना हुई। इसके बाद भक्तों ने मां दुर्गा का व्रत रखकर मां के दरबार में माथा टेका और चुनरी आदि प्रसाद मां के दरबार में चढ़ाया।
नवरात्रों के शुरू होने के साथ ही मंसा देवी, चंडी देवी, माया देवी, सुरेश्वरी देवी, शीतला देवी समेत अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ी।


अखंड ज्योत पर अटूट आस्था
मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि जिन घरों में नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति जलाई जाती है, वहां देवी मां की कृपा बनी रहती है। लेकिन, अखंड ज्योत का विधि-पूर्वक पालन भी करना होता है। अखंड ज्योत जलाने वाले व्यक्ति को समीप ही सोना होता है। इसकी नियमित देखरेख की जाती है।
बाजार में लौटी रौनक
नवरात्र से पहले दिन सुबह से ही बाजारों में रौनक है। इससे व्यापारियों के चेहरे पर भी मुस्कान देखी गई। खासकर मोती बाजार, खड़खड़ी चौक, कटहरा बाजार, रेलवे रोड सहित अन्य बाजार समेत कई अन्य बाजारों में खासी चहल-पहल है।