अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने किया विश्व धर्म संसद वेबसाइट को लॉन्च कहा धर्म को बचाने के लिए शास्त्र और शास्त्र का दिया जाएगा ज्ञान
धर्मानगर हरिद्वार में आज माया देवी मंदिर में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पूरी श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरी महाराज ने महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी के साथ विश्व धर्म संसद की आधिकारिक वेबसाइट का उदघाटन किया।इस वेबसाइट के द्वारा विश्व धर्म संसद की सभी गतिविधियों को पूरी दुनिया में देखा जा सकेगा।
वही इस मौके पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि आज अखाड़ा परिषद ने यति नरसिंहानंद गिरी को समर्थन किया है इसी के साथ हमारे द्वारा आज विश्व धर्म संसद वेबसाइट को भी लॉन्च किया गया है जिसमें सभी गतिविधियों को आम जनता को पहुंचाया जाएगा जो कि पूरे विश्व में कार्य करेगी धर्म को बचाने का कार्य साधु संतों का ही हमेशा से रहा है और साधु संतों का धर्म के लिए कार्य भी करना चाहिए इसी कड़ी में अखाड़ा परिषद नहीं है निर्णय लिया है कि आज से द्वारा जो भी धर्म से जुड़ी गतिविधियों की जाएगी उनका तन मन धन से सहयोग करेंगे।
इस अवसर पर श्री महंत हरि गिरी महाराज ने कहा कि शिवशक्ति धाम डासना में 17,18,19,20 और 21दिसंबर 2024 को होने वाली विश्व धर्म संसद श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के मार्गदर्शन और संरक्षण में आयोजित की जाएगी।यह विश्व धर्म संसद सम्पूर्ण मानवता की रक्षा के लिए आयोजित की जा रही है,जो कि सनातन धर्म के सभी अखाड़ों का सबसे प्रमुख लक्ष्य है। आदिजगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज ने इसी लक्ष्य के लिए अखाड़े का निर्माण किया था।उन्हीं के द्वारा संन्यासियों को सनातन धर्म व मानवता की रक्षा का आदेश दिया गया था।हमने यति नरसिंहानंद गिरी जी को महामंडलेश्वर बनाया ही इसलिए है कि वो प्रत्येक संन्यासी और संत को यह याद दिलाए कि सनातन धर्म और मानवता की रक्षा करते हुए भगवदप्राप्ति ही हमारा एकमात्र लक्ष्य है।यदि इस लक्ष्य के लिए हमे अपने जीवन का भी बलिदान देना पड़े तो हम प्रसन्नता से देगे और आने वाली पीढ़ियों को सनातन धर्म और मानवता की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देना सिखाएंगे।
श्रीमहंत हरि गिरी महराज ने विश्व धर्म संसद के अस्थाई कार्यालय के लिए ऋषिकेश में एक भवन आयोजन समिति को दिया।इसी के साथ उन्होंने विश्व धर्म संसद के स्थाई कार्यालय के लिए स्थान की व्यवस्था करने का भी आश्वासन आयोजन समिति को दिया उन्होंने कहा है कि आज धर्म को बचाने के लिए धर्म और शास्त्र का ज्ञान देना बहुत जरूरी है और इसी के लिए सभी जगह पर इकाइयां बनाई जाएगी जहां पर धर्म और शास्त्र की शिक्षा दी जाए जहां पर पहले धर्म और अपने राष्ट्र से प्रेम करना सिखाया जाएगा ।