भारत सेवा फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने तहसीलदार को दिया ज्ञापन

प्रमाण पत्रों की राह में तहसील में महीनों से धूल चाट रही फाइलों के विरोध में प्रकट किया आक्रोश।

विभागों में फाइलों के लंबे समय तक रोके रखने एवं जनता को परेशान करने का खेल जगजाहिर है इसी प्रकार का मामला तहसील हरिद्वार में भी प्रकाश में आया है

भारत सेवा फाउंडेशन अध्यक्ष मनीष गुप्ता ने तहसीलदार से मिलकर आरोप लगाया कि उनके कार्यालय में विभिन्न प्रकार के वृद्धा विधवा ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्रों आदि के आवेदनों को महीनों तक लंबित रखा जाता है आवेदनों को लंबित रखना सरकारी नियमों के विरुद्ध है प्रमाण के रूप में जनहित में कोरोना बीमारी के दृष्टिगत हरिद्वार के हज़ारों पीड़ितों में से भारत सेवा फाउंडेशन ने केवल एक पीड़ित छात्र मयूरेश उपरेती आवेदक को तहसीलदार आशीष घिल्डियाल के समक्ष उपस्थित किया मयूरेश ने आरोप लगाया कि उसने अक्टूबर 2019 में EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के प्रमाण पत्र के लिए आवेदन जमा किया जो विभागीय लापरवाही से अब 1 साल बाद अक्टूबर 2020 तक भी जारी नहीं हो पाया है जिसके अभाव में वह सरकारी नौकरियों का पात्र होते हुए भी उनसे वंचित है अध्यक्ष मनीष गुप्ता ने ज्ञापन देते हुए कहा कि तहसीलदार ही अपने कार्यालय का मुखिया है देरी की जिम्मेदारी भी तहसीलदार की ही है जिस पर तहसीलदार आशीष घिल्डियाल ने कहा की समस्या का आज ही समाधान किया जाएगा ।
वरिष्ठ समाजसेवी गोपाल कृष्ण बड़ोला ने कहा कि जरूरतमंदों का अधिकार रोकना बहुत निंदनीय है आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए ।
वरिष्ठ समाजसेवी अशोक गुप्ता ने कहा कि पात्रों का काम रोक कर अपात्रों का काम करना समाज के लिए बहुत ही घातक है यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।