
त्याग और तपस्या की प्रतिपूर्ति थे ब्रह्मलीन संत : श्रीमहंत रविंद्रपुरी
हरिद्वार। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में कोरोना के कारण ब्रह्मलीन हुए संतो को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मनसा मैया और मां गंगा से कोरोना से मुक्ति और सबके सुरक्षित रहने की कामना की गई।
श्रद्धांजलि सभा में पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि संतों के ब्रह्मलीन होने से अखाड़े को अपूरणीय क्षति हुई है। जिसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता है। मनसा मैया और मां गंगा की कृपा से जल्द देश कोरोना मुक्त हो, इसकी लगातार प्रार्थना की जा रही है। कहा कि ब्रह्मलीन हुए श्रीमहंत लखन गिरि, श्रीमहंत मनीष भारती, महामंडलेश्वर प्रेमलता, संत राकेश पुरी,अजय गिरि, सोमनाथ गिरि त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। उनकी कमी अखाड़े को हमेशा खलेगी। उन्होंने सभी से कोरोना के प्रति सावधानी बरतने और गाइडलाइन का पालन करने की भी अपील की। श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि अखाड़े के संतों के कोरोना के कारण ब्रह्मलीन होने से गहरा आघात पहुंचा है। संत समाज में इससे शोक की लहर है।