उत्तराखंडहरिद्वार

सूर्य ग्रहण काल में ईश्वर की आराधना से कष्ट होते हैं दूर: श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

सूर्य ग्रहण पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने किया विशेष पूजन, विश्व कल्याण की कामना की

हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्रपुरी महाराज ने सूर्य ग्रहण के मौके पर विशेष पूजा अर्चना कर श्रद्धालु भक्तों एवं विश्व कल्याण की कामना की। उन्होंने भक्तों को सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें इसके बारे में जानकारी प्रदान की। ग्रहण काल में अधिक से अधिक दान पुण्य करने पर जोर दिया।
इस अवसर पर श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि सूर्य ग्रहण काल में ईश्वर की आराधना करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। ग्रहण काल में अधिक से अधिक दान पुण्य करना चाहिए गरीब निर्धन परिवारों के उत्थान में हमेशा ही सहयोग करें। उन्होंने कहा कि पका अन्न और कटी हुई सब्जी ग्रहण काल में दूषित मानी जाती है। ग्रहण की समाप्ति पर गर्म पानी से स्नान न किया जाता है। ग्रहण काल में सोना, खाना-पीना, तेल लगाना निषिद्ध माना जाता हैं। नाखून भी नहीं काटे जाते हैं। सूर्य ग्रहण पर स्नान, दान और तर्पण का विशेष महत्व है। सूर्य ग्रहण काल में भगवान सूर्य की विशेष तौर पर पूजा की जाती है।

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