
हरिद्वार, 2 जून: आगामी नासिक-त्रयंबकेश्वर सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और संत समाज के साथ अहम बैठक की। नासिक में आयोजित इस बैठक में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी, महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरी सहित तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधि एवं कई प्रमुख संत उपस्थित रहे।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा की नासिक का कुंभ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल दिशा निर्देश और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सकुशल संपन्न होगा कुंभ।
बैठक में श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने स्पष्ट किया कि कुंभ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा है, जिसमें देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु और संत महापुरुष भाग लेते हैं। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से आग्रह किया कि कुंभ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं और संतों को परिवहन, सुरक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, स्वच्छता, आवास जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं समय रहते उपलब्ध कराई जाएं।
श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने विशेष रूप से देहरादून-नासिक के बीच सीधी फ्लाइट सेवा की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रयागराज कुंभ की तर्ज पर देश के सभी प्रमुख राज्यों से नासिक के लिए हवाई, रेल और बस सेवाएं संचालित की जानी चाहिए ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सशक्त करने की बात कही। विशेषकर भीड़ नियंत्रण, आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था, एंबुलेंस की उपलब्धता और प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों की स्थापना पर बल दिया। श्रीमहंत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार और कुंभ मेला प्रशासन को अखाड़ों की ओर से पूरा सहयोग दिया जाएगा ताकि कुंभ को दिव्यता और भव्यता प्रदान की जा सके।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बैठक में उपस्थित सभी संतों का अभिनंदन करते हुए आश्वस्त किया कि नासिक-त्रयंबकेश्वर कुंभ को ऐतिहासिक और भव्य बनाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कुंभ केवल महाराष्ट्र का नहीं बल्कि पूरे देश का गौरव है और इसे सफल बनाना सभी की जिम्मेदारी है।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि समय रहते कुंभ मेले की सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा की जाएगी और संत समाज के सुझावों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। इस बैठक से यह स्पष्ट है कि नासिक-त्रयंबकेश्वर कुंभ मेले को न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि प्रशासनिक एवं सुविधाजनक दृष्टिकोण से भी ऐतिहासिक बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।