उत्तराखंडहरिद्वार

उदासीन सम्प्रदाय व षड़दर्शन साधु समाज ने स्वामी हंसराम को नियुक्त किया स्वामी परमानंद ट्रस्ट उदासीन आश्रम का महंत


हरिद्वार, 30 सितंबर। उदासीन सम्प्रदाय व षड्दर्शन साधु समाज द्वारा स्वामी हंसराम को स्वामी परमानंद ट्रस्ट उदासीन आश्रम का महंत नियुक्त किया गया है। कनखल स्थित श्री हरेराम आश्रम में आयोजित प्रैसवार्ता में पत्रकारों को जानकारी देते हुए श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के प्रवक्ता महामण्डलेश्वर स्वामी कपिलमुनि, कोठारी महन्त दामोदर दास महाराज, महन्त गंगादास ने बताया कि स्वामी परमानन्द ट्रस्ट समिति श्रवणनाथ नगर हरिद्वार के संस्थापक पूज्य स्वामी परमानन्द शिष्य स्वामी नारायण दास उदासीन सम्प्रदाय से दीक्षित थे ।

उन्होंने उदासीन सम्प्रदाय के प्राचीन स्थान श्री मुनिमण्डल आश्रम कनखल की साधु परम्परा में दीक्षा प्राप्त की थी। श्री स्वामी परमानन्द ट्रस्ट के संस्थापक स्वामी परमानन्द की निष्ठा व श्रद्धा उदासीन सम्प्रदाय के संतों के प्रति अगाढ़ विश्वास था। एडवोकेट गुरप्रीत सिंह का यह कहना भ्रामक व मिथ्या है कि इस स्थान का उदासीन सम्प्रदाय व अखाड़े से कोई सम्बन्ध नहीं है । हम इसका पुरजोर तरीके से खण्डन करते हैं व एडवोकेट साहब को सलाह देते हैं कि स्वामी परमानन्द द्वारा निष्पादित ट्रस्ट डीड के अनुसार उदासीन साधु ही मंत्री और अध्यक्ष रह सकते हैं ।

ऐसा ट्रस्ट के संस्थापक पूज्य स्वामी परमानन्द ने ट्रस्ट नियमावली संख्या -6 में स्पष्ट लिखा है कि मेरे ब्रह्मलीन होने के पश्चात् ट्रस्ट का अध्यक्ष व मंत्री उदासीन साधु को ही बनाना होगा । ट्रस्ट डीड के नियम -6 में लिखा है कि मेरे बाद स्वामी योगेन्द्रानन्द महाराज को भी वही अधिकार प्राप्त होंगे, जो मेरे को प्राप्त है। ट्रस्ट सदस्यों की रिक्त स्थान की पूर्ति साधुओं के स्थान पर योग्य उदासीन साधु गृहस्थी के स्थान पर उपयुक्त गृहस्थी भक्त, जिसमें 6 गृहस्थ व 3 संत होंगे और उत्तराधिकारी परम्पराओं से नियुक्त करते रहेंगे । किन्तु ट्रस्ट का अध्यक्ष और मंत्री किसी योग्य विद्वान् व सदाचारी बड़े अखाड़े के उदासीन साधु को ही बनाया जायेगा। इन नियमों का तत्कालीन ट्रस्ट समिति के सदस्यों ने पालन नहीं किया। फर्जी तरीके से ही अपने सदस्यों में से मंत्री अध्यक्ष घोषित कर दिया जो सर्वथा अवैधानिक है जो धार्मिक सम्पत्ति को अपने हित में प्रयोग कर रहे हैं ।

श्री स्वामी परमानन्द उदासीन आश्रम द्वारा किसी तरह की कोई साधु सेवा नहीं होती न वहां कभी साधुओं को ठहराया जाता है । पिछले एक दशक से संतों को बार – बार ट्रस्टी लोग झूठा आश्वासन दे रहे कि हम यहां के अध्यक्ष उदासीन साधु को बनायेंगे। जब ऐसा उन्होंने नहीं किया तो बाध्य होकर पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन भेष भगवान षड्दर्शन साधु समाज की सर्व सहमति से स्वामी परमानन्द ट्रस्ट समिति का अध्यक्ष महन्त महामण्डलेश्वर हंसराम शिष्य बाबा गंगाराम महराज को तिलक चादर देकर आश्रम का अध्यक्ष व महन्त सोमवार को घोषित किया गया। कार्यक्रम उदासीन भेष मर्यादा के अनुसार श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। इस सम्बन्ध में उदासीन भेष भगवान कानुनी कार्यवाही करने की तैयारी कर रहा है। इस दौरान कोठारी महंत दामोदर दास महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, बाबा हठयोगी, स्वामी शिवानंद, स्वामी संतोषानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत निर्मलदास, महंत जसविन्दर सिंह, स्वामी हरिहरानंद, सहित बड़ी संख्या में संत महंत उपस्थित रहे।

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