हरिद्वार

पवित्र छड़ी भ्रमण के दूसरे दिन रात्रि प्रवास के लिए पहुची,बड़कोट,जगह जगह भव्य स्वागत


हरिद्वार।संदीप शर्मा

हरिद्वार। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े द्वारा निकाली जाने वाली प्राचीन पवित्र छड़ी यात्रा के उत्तराखण्ड भ्रमण दूसरे दिन बड़कोट के लाखा-माण्डल पहुच गयी। जहां पर मन्दिर में पूर्जा अर्चना के बाद रात्रि विश्राम के लिए रोकी गई। शुक्रवार को यात्रा बड़कोट से यमुनोत्री के लिए रवाना होगी। ज्ञात रहे कि जूना अखाड़े की ओर से पवित्र छड़ी यात्रा लगातार तीसरे वर्ष भी जारी है। बुधवार को यात्रा हरिद्वार से प्रारम्भ हुई,। पवित्र छड़ी यात्रा पहले पड़ााव में ऋषिकेश पहुची। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने बताया कि पवित्र छड़ी यात्रा गुरूवार को ऋषिकेश के मायाकुण्ड,तारादेवी मन्दिर,भरत मन्दिर पहुची,जहां पर पूजा अर्चना होने के बाद छड़ी त्रिवेणी घाट पहुची,जहां पर भगवान दत्तात्रेय के समझ पूजा अर्चना के बाद गंगा स्नान कराया गया। श्रीमहंत हरिगिरि ने बताया कि पवित्र छड़ी यात्रा के अगले पड़ाव के तहत गुरूवार को सायंकाल लाखामण्डल के बड़कोट पहुची,जहां पर रात्रि विश्राम करने के बाद अगले दिन यमुनोत्री के लिए आगे की यात्रा प्रारम्भ होगी। श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने बताया कि छड़ी यात्रा का ध्येय पर्वतीय क्षेत्रों में जीर्ण-शीर्ण पौराणिक स्थलों का विकास के साथ साथ धार्मिक पर्यटकों को वहां पर पहुचाना है। बताया कि धर्मसत्ता हतेशा से समाज के कल्याण एवं देश की एकता को लेकर संजीदगी से कार्य करती रही है।

उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रहे पलायन को रोकने के लिए चिकित्सा और शिक्षा की व्यवस्था करने के लिए धर्मसत्ता को भी आगे आना होगा। जूना अखाड़ा के अन्र्तराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज ने बताया कि बताया कि लगभग 21 दिन की इस यात्रा में पवित्र छड़ी चारों धाम के अतिरिक्त त्रिजुगीनारायण,तृंगनाथ,भविष्य बद्री,आदि बद्री,नृसिंह मन्दिर,आद्य जगदगुरू शंकराचार्य गुफा,सीतामढ़ी,नौटी गाॅव में श्रीयंत्र होते हुए कुमायूॅ मण्डल मे प्रवेश करेगी। छडी यात्रा के साथ श्रीमहंत शिवदत्त गिरि,पुष्करराज गिरि,छड़ी महंत वशिष्ठ गिरि सहित कई संत यात्रा के लिए साथ चल रहे है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button