हरिद्वार, सप्तसरोवर स्थित माता लाल देवी पवित्र वैष्णो देवी गुफा वाला मंदिर में शारदीय नवरात्रि के पावन पर्व पर भक्तों का तांता लग गया है। नवरात्रि के इस अवसर पर, विशेष अनुष्ठान और पूजा-अर्चना का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें श्रद्धालु बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं। उत्तरी हरिद्वार में स्थित यह मंदिर देवी भक्तों के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल बन चुका है, जहाँ माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है।
माता लाल देवी मंदिर के संचालक, भक्त दुर्गादास, ने बताया कि नवरात्रि के दौरान यहाँ विशेष अनुष्ठान किए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं के लिए यह अवसर माता वैष्णो देवी के दर्शन का एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है, जो उन भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो किसी कारणवश वैष्णो देवी की यात्रा नहीं कर पाते। मंदिर की पवित्र गुफा में माता के दर्शन करना वैसा ही फलदायक माना जाता है जैसे स्वयं वैष्णो देवी जाकर माँ के दर्शन करना।
नवरात्रि के चौथे दिन माँ दुर्गा के चौथे स्वरूप, माँ कुष्मांडा की पूजा की जाती है। भक्त दुर्गादास ने बताया कि यह स्वरूप भक्तों को रोग और दोष से मुक्ति दिलाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माँ कुष्मांडा ने सृष्टि को आकार दिया था और उनकी पूजा से व्यक्ति को समृद्धि, स्वास्थ्य और सुख की प्राप्ति होती है। माँ कुष्मांडा की कृपा से व्यक्ति के जीवन में संतुलन और शांति आती है।
मंदिर में चल रहे विशेष अनुष्ठानों के दौरान, माँ दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में माँ दुर्गा की आराधना करने से उनके सभी दुःख और कष्ट दूर हो जाते हैं। मंदिर में दिनभर मंत्रोच्चार और देवी के जयकारों की गूंज सुनाई देती है, जो पूरे वातावरण को पवित्र और भक्तिमय बना देता है।
मंदिर की विशेषता इसकी पवित्र वैष्णो देवी गुफा है, जहाँ श्रद्धालु माँ के दिव्य दर्शन कर सकते हैं। संचालक भक्त दुर्गादास ने कहा कि यह गुफा उन भक्तों के लिए बहुत मायने रखती है, जो वैष्णो देवी यात्रा पर नहीं जा सकते। यहाँ माता के दर्शन कर भक्त अपनी मनोकामनाएँ पूर्ण होने की प्रार्थना करते हैं। मंदिर प्रशासन ने नवरात्रि के दौरान श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध किए हैं ताकि वे बिना किसी बाधा के माता के दर्शन कर सकें और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।
माता लाल देवी मंदिर शारदीय नवरात्रि के अवसर पर आस्था और भक्ति का केंद्र बना हुआ है। नवरात्रि के नौ दिनों के इस पावन पर्व पर, माँ दुर्गा की आराधना और विशेष अनुष्ठान भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लेकर आते हैं।
पूजन में निवर्तमान पार्षद अनिरूद भाटी,पुजारी आचार्य हेमंत थपलियाल, आचार्य हीरा जोशी,राकेश सकलानी, अश्वनी दीक्षित, दीवान सिंह, जगदंबा प्रसाद एवं अन्य श्रद्धालु गण शामिल रहे।