Haridwar रामानंद इंस्टीट्यूट में हुआ गणेश उत्सव एवं हिंदी दिवस का आयोजन
विजेता प्रतिभागियों को संस्था के चेयरमैन श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज और डायरेक्टर वैभव शर्मा ने बधाई दी
हरिद्वार/राजीव कुमार
रामानंद इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी एंड मैनेजमेंट में गणेश उत्सव एवं हिंदी दिवस मनाया गया। गणेश उत्सव पर वाणिज्य संकाय के छात्रों द्वारा गणेश जी की प्रतिमा को क्ले द्वारा बनाया गया एवं कुछ छात्रों ने गणेश जी की ड्राइंग को बनाया। वहीं संस्थान के वाणिज्य विभाग द्वारा हिंदी दिवस का भी आयोजन किया गया जिसमे हिंदी की महत्वता पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
गणेश उत्सव की क्ले मेकिंग प्रतियोगिता में विजयी विद्यार्थि का नाम पलक बी० कॉम० तृतीय वर्ष से है। ड्राइंग प्रतियोगिता में महिमा एवं इकरा बी० कॉम० प्रथम वर्ष ने प्रथम स्थान तथा प्राची एवं ख़ुशी चतुर्वेदी बी० कॉम० तृतीय वर्ष ने द्वितीय स्थान अर्जित किया।
भाषण प्रतियोगिता में बी० कॉम० प्रथम वर्ष से अंकित ने प्रथम एवं बी० कॉम० तृतीय वर्ष से प्रियंका ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। अंकित द्वारा हमारा जीवन में गुरु के महत्त्व को समझाया गया एवं प्रियंका ने हमारे जीवन में राष्ट्र भाषा के रूप में हिंदी के महत्त्व को समझाया।
निर्णायक मंडल में फार्मेसी संकाय से कुसुम लता एवं इंजीनियरिंग संकाय से शिल्पा गिरी ने अहम् भूमिका निभाई। सभी विजयी छात्रों को ट्रॉफी प्रदान की गयी, एवं सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये गए।
श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि हिंदी केवल हमारी मातृभाषा नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और संस्कारों की अभिव्यक्ति का माध्यम भी है। उन्होंने छात्रों को हिंदी के महत्व को समझने और उसे आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
हिंदी दिवस और गणेश उत्सव का यह संगम सभी के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा।
प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागियों को संस्था के चेयरमैन श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज और डायरेक्टर वैभव शर्मा ने बधाई दी।
प्रतियोगिता में अंकित, शिखा, कल्पना, केशव, अलीशा, सार्थक, अंकुर, जाह्नवी, पूजा, निधि, हिमांशी, भूमि, हर्मिता, अचिन्त्या, स्वाति, मनीषा, नंदनी, याविका, अमन, दिव्या, अविनाश, अंशिका, गुलशन, सचिन, कशिश आदि छात्रों ने प्रतिभाग किया।
इस मौके पर डॉ० मयंक गुप्ता, डॉ० मौसमी गोयल, मनुज उनियाल, सूरज राजपूत, डॉ० रोहित, विवेक जोशी, निकिता, मनीषा, ज्योति, गरिमा, मितांशी, शिवांगी, कुनिका, कृति, कीर्ति, कनिष्का, वैशाली आदि शिक्षक मौजूद रहे।