भारत और पाकिस्तान में अमन और चैन की कामना की
हरिद्वार।
पाकिस्तान की सिंध प्रांत से यात्रा करने धर्मनगरी पहुंचे पाकिस्तानी श्रद्धालुओं गंगा आरती में शमिल हो कर अभिभूत हो गए। गंगा आरती के बाद श्रद्धालुओं ने गंगा से भारत और पाकिस्तान में अमन और चैन की कामना की। सोमवार को श्रद्धालुओं ने अपनी दिनचर्या की शुरुआत गंगा किनारे योगासन से की।सभी श्रद्धालु मंगलवार शाम को हरिद्वार से वापस रवाना होंगे।
सोमवार को हरिद्वार में यात्रा के तीसरे दिन पाकिस्तानी श्रद्धालुओं ने गंगा किनारे बैठ कर योगाभ्यास किया। करीब एक घंटा योग करने के बाद सभी श्रद्धालु शदाणी घाट पर आयोजित पिंड और पितृ पूजा कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। कार्यक्रम में पाकिस्तानी श्रद्धालुओं ने अपने पितरों के निमित पूजा की। साथ ही तर्पण और पिंड दान किया। विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर गंगा को काले तिल, दूध, अक्षत और फूल आदि अर्पित किए। इस दौरान श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर गंगा की पूजा अर्चना की और गंगा से सुख समृद्धि की कामना की। पिंड और पितृ पूजा कार्यक्रम के बाद श्रद्धालुओं ने शदाणी मंदिर में विशिष्ट संत का आगमन एवं प्रवचन कार्यक्रम में साधु संतों से आशीर्वाद लिया। साथ ही प्रवचनों को सुना।
शाम के समय हरकी पैड़ी पहुंच कर श्रद्धालुओं ने सिंधु नदी के जल का मिलन गंगा से कराया। इस दौरान शदाणी दरबार पीठाधीश्वर डॉ. संत युधिष्ठिर लाल ने बताया कि श्रद्धालु पाकिस्तान से सिंधु नदी का जल लेकर भारत आते हैं। हरिद्वार पहुंच कर श्रद्धालु गंगा जल में सिंधु नदी के जल को मिलाकर दोनों नदियों का मेल कराते हैं। अपनी संस्कृति को जीवंत रखने के लिए यह कार्य साल 1976 में हुए इंडो पाक समझौते के बाद से चल रहा है। तब से पाकिस्तानी श्रद्धालु परंपरा निभा रहे है। हरकी पैड़ी पहुंचने पर श्री गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम और महामंत्री तन्मय वशिष्ठ के नेतृत्व में तीर्थ पुरोहितों ने पाकिस्तानी श्रद्धालुओं का स्वागत किया और गंगाजली भेंट की। शाम के समय पाकिस्तानी श्रद्धालु गंगा आरती में शामिल हुए। वहीं रात के समय श्रद्धालुओं ने प्रसिद्ध कथाकार हेमलता शास्त्री के प्रवचनों को सुना। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति, रामायण शास्त्र का भोग और आरती का आयोजन भी किया गया।
पाकिस्तानी जत्थे के ग्रुप लीडर शंकर लाल, आत्म दास तालरेजा, नरेंद्र कुमार, ओम प्रकाश, गोविंद राम मखीजा ने बताया की मंगलवार सुबह को कनखल और हरिद्वार के मंदिरों के दर्शन करेंगे। रात को जत्था ट्रेन से अमृतसर के लिए रवाना होगा। जत्थे में 223 यात्री 25 दिन की भारत यात्रा पर पाकिस्तान के सिंध प्रांत से भारत आए हुए है। श्रद्धालु यात्रा के दौरान अमरावती, अमृतसर, अयोध्या, छत्तीसगढ़ आदि की यात्रा करने के बाद हरिद्वार पहुंचे है।