40 वीं सिंधु धार्मिक यात्रा,संत युधिष्ठिर लाल जी पाकिस्तान में फहरा रहे सनातन का ध्वज
हरिद्वार के संतों ने दी शुभकामनाएं
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40 वीं सिंधु धार्मिक यात्रा ,
संत युधिष्ठिर लाल जी पाकिस्तान में फहरा रहे सनातन का ध्वज
हरिद्वार के संतों ने दी शुभकामनाएं
Indo-pak एग्रीमेंट के अंतर्गत हर वर्ष जाता है धार्मिक यात्रा पर
Haridwar सप्त सरोवर स्थित भारतीय सभ्यता व संस्कृति के प्रतीक 315 वर्ष प्राचीन शदाणी दरबार के नवम् पीठाधीश्वर संत डॉ युधिष्ठिर लाल जी महाराज दिनाँक 12 से 23 दिसम्बर तक पाकिस्तान में सनातन का ध्वज लेकर वहां के धार्मिक तीर्थ स्थलों के दर्शनों हेतु भारत से 103 हिन्दू तीर्थ यात्रियों के साथ गए हैं
वह मुख्य रूप से शदाणी दरबार के प्रथम संत शदाराम साहिब जी के तप स्थली वेद भूमि माथेलो ,जहां पौराणिक वेदों की रचना हुई थी, पिताफन, माता हासी देवी मंदिर जो सिंध में गोल्डन मंदिर के नाम से प्रख्यात है, अरोर माता मंदिर, साधुबेला मंदिर, घोटकी , मीरपुर, शदाणी कृष्ण मंदिर देरकी,एवं पौराणिक भगत पहलाद जी की जन्मभूमि जिस को आज मुल्तान शहर के नाम से जाना जाता है
शदाणी सेवा मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष adv उदय शदाणी ने बतया के इस धार्मिक यात्रा का उद्देश्य पाकिस्तान में हमारे धार्मिक तीर्थ स्थलों का संरक्षण, व वहाँ के हिन्दुओ के मन में धार्मिक पथ पर चलने हेतु बल प्रदान करना है
उदय जी ने कहा कि संत जी सदेव यही कहते हैं कि वह भूमि जो किसी कारणवश हम से छूट गई , पर वहाँ के धार्मिक स्थलों को हम कैसे छोड़ सकते है
पांच हजार वर्ष प्राचीन सिंधु सभ्यता , मोइन जो दरो , माता हिंगलाज सिद्ध पीठ, कटासराज , वेद भूमि माथेलो , ये सब हमारे हैं
उदय जी ने कहा कि सिंध यात्रा में इन 11 दिनों में मातु शक्ति द्वारा निकाली जाने वाली कलश यात्रा , एवं पुरषों द्वारा ध्वज यात्रा विशेष आकर्षण का केंद्र रहती हैं , बच्चों का सामूहिक यज्ञोपवित संस्कार, हिन्दू कन्याओं का सामूहिक विवाह कार्यक्रम जिस में हजारों हिन्दू भाग लेते है
धर्म की रक्षा हेतु शुरू किया गया ये यात्रा रूपी यज्ञ निरन्तर चलता रहे ,और इस यात्रा रूपी यज्ञ के प्रभाव से हमें सिंधु का जल, दल, और ईश्वर कृपा रहीं तो थल भी मिल जाएगा
ज्ञात रहे के शदाणी दरबार के अष्टम पीठाधीश्वर संत गोबिंदराम जी महाराज द्वारा 19 बार v नवम पीठाधीश्वर द्वारा 21 बार धार्मिक यात्रियों का दल सिंध यात्रा के लिए जा चुका है