हरिद्वारउत्तराखंड

Haridwar news सनातन अनादि है, उसका कभी अंत नहीं होता : सतपाल महाराज

 

Haridwar news श्री प्रेमनगर आश्रम द्वारा आयोजित अंतिम दिन सद्भावना सम्मेलन को संबोधित करते हुए आध्यात्मिक गुरु व उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री  सतपाल महाराज ने कहा कि जिसका अंत नहीं होता वही सनातन है। आज कुछ लोग सनातन को समाप्त करने की बात करते हैं,वह लोग सनातन धर्म को नहीं जानते। श्री महाराज ने कहा कि सनातन का मतलब है, जिसका आदि- अंत नहीं है। जिसको विज्ञान भी कहता है कि शक्ति का जन्म नही होता, शक्ति का नाश नहीं होता। उसे कैसे कोई समाप्त कर सकता है।

श्री महाराज ने आगे कहा कि चारों अवस्थाओं में एक क्रिया निरंतर हो रही है जिसे निरंजन माला कहा है, श्वासों की माला जो हमारे अंदर चल रही है, वह जागृत अवस्था, स्वप्न अवस्था, सुषुप्ति अवस्था एवं तुरिया अवस्था मे भी चल रही है। अगर इस माला को हम समझ लें, अपने मन को केंद्रित कर लें, तो हम आध्यात्मिक शक्ति का अपने ह्रदय में जागरण कर सकते हैं। यही हमारे संतो ने कहा है कि हे मानव! तू अपने अंदर आध्यात्मिक शक्ति का जागरण कर।

श्री महाराज के जन्मोत्सव पर विद्वान पंडितों द्वारा वेद मंत्रों के उच्चारण से पूजा का आयोजन हुआ, जिसमें उपस्थित श्रद्धालुओं ने मंगलगीत गाकर श्री महाराज जी व परिजनों को जन्मोत्सव की बधाई दी। इस अवसर पर प्रेरणादायक लघु नाट्यमंचन भी आयोजित किये गए।

सम्मेलन में अपने विचार रखते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री माता श्री अमृता जी ने कहा कि महानपुरुषों का जन्मदिन व जयंती मनाना तब ही सार्थक है, जब हम उनकी शिक्षाओं व ज्ञान को आत्मसात करें। सम्मेलन में श्री विभु जी महाराज ने भी अपने सारगर्भित विचारों से उपस्थित श्रद्धालुओं को लाभान्वित किया।

कार्यक्रम से पूर्व महाराज जी, पूज्य माता श्री अमृता जी व अन्य अतिथिगणों का माल्यापर्ण कर स्वागत किया गया। अनेक भजन गायक कलाकारों ने अपने भजनों से श्रद्धालुओं को भाव विभोर किया। मंच संचालन महात्मा हरिसंतोषानंद ने किया।

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