हरिद्वारउत्तराखंड

गुस्साए भैरव सेना संगठन ने फूंका सेंसर बोर्ड का पुतला

भैरव सेना संगठन के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने सेंसर बोर्ड का पुतला फूंका यह कार्यक्रम रोहित हिंदू और प्रशांत शर्मा के नेतृत्व में भैरव सेना के प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु राजपूत के अध्यक्षता में हुआ जिसमें संगठन के संरक्षक डॉ विशाल गर्ग भी उपस्थित रहे डॉ विशाल गर्ग ने बताया की सेंसर बोर्ड स्थापना 15 जनवरी 1951 में की गई थी इस बोर्ड का कार्य भारत में रिलीज होने वाले चलचित्र नाटक फिल्म आदि को मॉनिटर कर उनको उनके अनुरूप प्रमाण पत्र यूज सर्टिफिकेट यूए सर्टिफिकेट ए सर्टिफिकेट एप्स सर्टिफिकेट जारी करना तथा यह भी देखना कि किसी चलचित्र में कोई ऐसी विषय वस्तु तो नहीं है

 

जिससे भारत में निवास करने वाले किसी वर्ग की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही है लेकिन सेंसर बोर्ड इन सब चीजों को बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा है और बिना नहीं रक्षण किए ही निर्देश को से पैसे लेकर से टिकट प्रदान कर रहा है जिससे समाज में रहने वाले लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं /आदि पुरुष फिल्म में जिस तरह से हमारे देवी देवताओं का अपमान किया गया है वह वाकई निंदनीय है

 

 सेंसर बोर्ड को आदि पुरुष फिल्म को बैन कर देना चाहिए

 

प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु राजपूत ने बताया की पिछले कुछ वर्षों से भारत में निवास करने वाले बहुसंख्यक सनातनी यों के विरुद्ध कांटेट बनाकर उन पर फिल्मों की रचनाएं की गई हैं जिसमें मुख्यत पीके केदारनाथ और वर्तमान में आदि पुरुष जो हमारे महा ग्रंथ रामायण पर आधारित है जिसमें सड़क छाप भाषा का प्रयोग किया गया है जिसमें सनातन धर्म के मानने वालों के आराध्य श्री राम श्री लक्ष्मण माता सीता का अपमान किया गया है और यही नहीं चलचित्र में दिखाए गए वस्त्र वेशभूषा भी आपत्तिजनक है जिससे सनातन धर्म को मानने वालों की आस्था आहत हो रही है

 

सेंसर बोर्ड इतना अंधा हो गया है की उसे ऐसे आपत्तिजनक फिल्म दिखाई नहीं दे रहे हैं वह पैसे लेकर बिना निरीक्षण किए सर्टिफिकेट दे दे रहा है ऐसे सेंसर बोर्ड का हम पूर्ण रूप से विरोध करते हैं और सरकार से हम मांग करते हैं की हिंदुओं की आस्था को आहत पहुंचाने वाली फिल्म आदि पुरुष को पूरे भारत में बैन किया जाए

 

इस कार्यक्रम में जिला महामंत्री उषा कंडारी ममता प्रदेश सचिव रोहित हिंदू प्रशांत कुमार अजय नामदेव सचिन चौधरी अरुण कुमार वंश राजपूत अंशुल धीमान विपिन बिष्ट कुलदीप राजपूत कुंदन कुमार विश्वास सक्सेना नंदू जी इत्यादि सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे

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