उत्तराखंडहरिद्वार

निक्षय मित्र योजना से मिलेगा नया जीवन; 200 टी.बी. रोगियों को पोषण किट वितरित

श्रीमहंत डॉ. रविन्द्र पुरी ने कहा — सकारात्मक नतीजे दिख रहे हैं, जल्द बनेगा भारत टीबी मुक्त राष्ट्र टीबी चैम्पियन सोनी ने दिया मरीजों को हौसला, स्वास्थ्य अधिकारियों ने ऐप व समय पर इलाज पर जोर दिया

हरिद्वार: एस.एम.जे.एन. पी.जी. कॉलेज के प्रांगण में आज प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान–3.0 के तहत आयोजित कार्यक्रम में निक्षय मित्र योजना के तहत 200 पोषण किट क्षय (टी.बी.) रोगियों को वितरित किए गए। कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत डॉ. रविन्द्र पुरी महाराज ने की। कार्यक्रम में कॉलेज प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.के. सिंह व स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद रही।

कार्यक्रम से सम्बोधित करते हुए श्रीमहंत डॉ. रविन्द्र पुरी ने कहा, “निक्षय मित्र योजना के सार्थक परिणाम अब आँखों के सामने आ रहे हैं। जब समाज के विभिन्न हिस्से मिलकर टी.बी. रोगियों का साथ देते हैं तो बीमारी से लड़ना सरल होता है। हम उम्मीद करते हैं कि बहुत शीघ्र भारत एक टी.बी. मुक्त राष्ट्र बनेगा।” उन्होंने सामाजिक संगठनों व आम नागरिकों से जनभागीदारी बढ़ाने का आग्रह किया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार डॉ. आर.के. सिंह ने बताया कि उक्त पोषण किट पंचायतिय अखाड़ा श्री निरंजनी, मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट व एस.एम.जे.एन. पी.जी. कॉलेज के सहयोग से तैयार कर वितरित की गई। उन्होंने कहा, “निक्षय मित्र योजना के तहत न सिर्फ पोषण सहायता मिलती है, बल्कि नैदानिक सहायता एवं व्यवसायिक प्रशिक्षण जैसी सेवाएं भी उपलब्ध करवाई जा सकती हैं। समय पर इलाज और सही मार्गदर्शन से टी.बी. रोगी स्वस्थ जीवन पा सकते हैं।”

डॉ. सिंह ने उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि वे टी.बी. आरोग्य साथी ऐप अपने मोबाइल में डाउनलोड करें और इससे जुड़ी जानकारी एवं उपचार संबंधी निर्देशों का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि समुदाय का सहयोग ही टी.बी. उन्मूलन की दिशा में निर्णायक साबित होगा।

टी.बी. चैम्पियन सोनी बनी प्रेरणा प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि टी.बी रोगियों के साथ भावनात्मक जुड़ाव और गोद लेने जैसी पहल से रोगियों का हौसला बढ़ता है। उन्होंने विशेष रूप से टी.बी से उबर चुकी टी.बी. चैम्पियन सोनी का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी संघर्ष-गाथा अन्य मरीजों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी है। प्रो. बत्रा ने सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर डॉ. मोहम्मद सलीम और समन्वयक अखिलेश जोशी का भी आभार जताया। कार्यक्रम में बताया गया कि मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट और पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने निरंतर टी.बी के उन्मूलन हेतु सहयोग किया है। महंत जी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में मरीजों को गोद लेने की परंपरा महाविद्यालय के सामाजिक सरोकारों को और मजबूती प्रदान कर रही है। जिला कार्यक्रम समन्वयक उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमेश कुमार ने कहा कि टी.बी का सही समय पर किया गया उपचार जीवन बचाने जैसा है और समुदाय को जागरूक रहना चाहिए। कार्यक्रम में स्वास्थ्य कर्मियों ने एक स्वर में कहा कि टी.बी की लड़ाई में केवल दवा ही नहीं, बल्कि पौष्टिक आहार, पारिवारिक व सामाजिक समर्थन और स्वरोजगार/व्यवसायिक सहायता भी अति आवश्यक है। डॉ. हेमंत खर्कवाल ने अपील की कि—“हम सभी का दायित्व है कि टी.बी रोगियों को भावनात्मक सहयोग दें और उन्हें पौष्टिक आहार उपलब्ध करायें, ताकि वे शीघ्र स्वस्थ हो सकें। कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख लोग सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर डॉ. मोहम्मद सलीम, डॉ. हेमंत खर्कवाल, सौरभ कुमार, दिनेश पंत, अवनीश, मो. सलीम, सुशील लखेड़ा, अखिलेश जोशी सहित कई शिक्षक, छात्र व स्थानीय समाजसेवी मौजूद रहे और उन्होंने इस पहल की सराहना की।

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