
हरिद्वार। उत्तराखंड उपनल महासंघ के आह्वान पर रविवार को आयोजित बैठक में विभिन्न संगठनों ने मिलकर संयुक्त मोर्चा बनाया। सभी संगठन ने एक छतरी के नीचे आकर नियमितीकरण की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया।
रविवार को सीसीआर भवन में उपनल महासंघ के आह्वान पर आयोजित बैठक में विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने प्रतिभा किया। उपनल संविदा संघ, वाहन चालक संघ, बिजली विभाग संघ, विद्युत कर्मचारी संगठन इंटक ने महासंघ के साथ ब्लैक कर संयुक्त मोर्चा का गठन किया।
उपनल महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद गोदयाल ने कहा कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वर्ष 2018 में उपनल कर्मियों के नियमितीकरण के लिए नियमावली बनाकर चरणबद्ध तरीके से नियमितीकरण का आदेश पारित किया था। किंतु सरकार ने इसके विपरीत सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की जिसको वर्ष 2024 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी खारिज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद उपनल कर्मियों के नियमित करने के घोषणा की थी बावजूद उसके आज भी उपनल कमी स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं।
उपनल संविदा संघ के प्रदेश महामंत्री प्रमोद गोसाई ने कहा कि सरकार लगातार उपनल कर्मियों की उपेक्षा कर रही है जिस कारण उपनल महासंघ के साथ सभी अन्य उपनल कर्मचारी संगठनों ने मिलकर संयुक्त मोर्चा बनाने का निर्णय लिया।
उपनल महासंघ हरिद्वार के जिलाध्यक्ष योगेश बडोनी ने बताया कि संयुक्त मोर्चा बनने के बाद सभी उपनल कर्मचारी संगठन एकजुट होकर कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए रोड और कोर्ट की लड़ाई लड़ेंगे।
महासंघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रदीप सिंह चौहान ने बताया कि सरकार लगातार उपनल कर्मियों की उपेक्षा करती आ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के बावजूद आज भी उपनल कर्मियों के नियमितीकरण के लिए कोई सकारात्मक कार्रवाई होती नहीं दिखाई दे रही है।
बैठक के दौरान महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष महेश भट्ट, प्रदेश महामंत्री विनय प्रसाद, महासंघ महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष, बिजली कर्मचारी प्रदेश अध्यक्ष अमित सैनी, विद्युत कर्मचारी इंटक के प्रदेश अध्यक्ष दीपक सैडिल्य, उपनल वाहन चालक हरीश कोठारी, महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष विजयराम शर्मा महासंघ के प्रदेश संगठन मंत्री भूपेश नेगी, महासंघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष रमेश डोभाल, महासंघ के कुमाऊं मंडल अध्यक्ष मोहन रावत, महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष पीएस बोरा, स्नेहा बिष्ट, विमल द्विवेदी, दीपा नेगी सहित सैकड़ो कर्मचारी मौजूद रहे।