Prayagraj अयोध्या में श्रीराम मंदिर की वर्षगाँठ पर प्रयागराज महाकुम्भ में पंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी की छावनी में श्रद्धालुओं को बाटी मिठाई, जय श्री राम के नारों से गूंज उठी छावनी

प्रयागराज, 22 जनवरी 2025: अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण की वर्षगाँठ के अवसर पर प्रयागराज महाकुम्भ में पंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी की छावनी में एक भव्य धार्मिक आयोजन आयोजित किया गया। इस आयोजन में श्रद्धालुओं को लड्डू और बाटी मिठाई वितरित की गई। साथ ही जय श्रीराम के उद्घोष से छावनी गूंज उठी, जिससे माहौल अत्यधिक भक्ति और श्रद्धा से परिपूर्ण हो गया। यह आयोजन विशेष रूप से श्रीराम मंदिर के निर्माण की पवित्र शुरुआत की याद में आयोजित किया गया था।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने इस अवसर पर कहा, “आज का दिन हमारे लिए अत्यंत महत्वपूरण है। श्रीराम मंदिर का निर्माण केवल एक भव्य इमारत नहीं, बल्कि हमारी आस्था, हमारी संस्कृति और हमारी धार्मिक पहचान का प्रतीक है। अयोध्या में मंदिर का निर्माण केवल एक भौतिक कार्य नहीं बल्कि हमारे विश्वास की पुनः स्थापन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। महाकुम्भ में इस आयोजन के माध्यम से हम श्रीराम के आदर्शों और उनके योगदान को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं।”
पंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी के सचिव श्री महंत रामरतन गिरि महाराज ने भी श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा, “श्रीराम का जीवन हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका धैर्य, त्याग और समर्पण हमें जीवन के कठिन समय में मार्गदर्शन प्रदान करता है। इस पावन अवसर पर हम सभी श्रद्धालुओं के साथ मिलकर श्रीराम के इस महान कार्य का उत्सव मना रहे हैं। यहां बाटी मिठाई और लड्डू वितरित करना हमारे प्यार और श्रद्धा का प्रतीक है।”
इस अवसर पर महाकुम्भ में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और श्रीराम के जीवन पर आधारित धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया। कार्यक्रम में विशेष रूप से संत-महात्माओं ने भगवान श्रीराम की कथा का वर्णन किया और उनके आदर्शों को जीवन में अपनाने की अपील की। जय श्रीराम के नारे और मंत्रोच्चारण से छावनी गूंज उठी, जो इस आयोजन को और भी ऐतिहासिक बना गया।
महाकुम्भ के इस धार्मिक आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि श्रीराम के प्रति श्रद्धा और आस्था आज भी भारतवासियों के दिलों में गहरे रूप से विद्यमान है, और ऐसे आयोजनों से हम अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को संजोते हैं।