श्रीमदभागवत कथा से अवश्य मिलेगी कोरोना से मुक्ति : प्रदीप शर्मा
कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ
.ज्वालापुर में श्रीजी बैंक्वेट हॉल में 5 जनवरी से 13 जनवरी तक चलेगी कथा
.पहले दिन भागवत महात्मय कथा, धुंधकारी गोकर्ण कथा, भागवत श्रवण नियम हुआ
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हरिद्वार। ज्वालापुर पांडेयवाला स्थित श्रीजी बैंक्वेल हॉल में श्रीमद्भागवत कथा भक्ति ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ मंगलवार को कलश यात्रा के साथ हुआ। महिलाओं ने सिर पर कलश रखकर क्षेत्र में कलश यात्रा निकाली। पहले दिन कथा का शुभारंभ करते हुए भागवत महात्मय कथा, धुंधकारी गोकर्ण कथा, भागवत श्रवण नियम का पाठ किया गया।
ज्वालापुर में कलश यात्रा का शुभारंभ आचार्य अवधेश भक्त के आवास सिखौला चौक से किया गया। कलश यात्रा में महिलाएं सिर पर कलश रखकर मंगल गीत गाती हुई चल रही थी। कलश यात्रा के मार्ग में राधे-राधे जपो चले आएंगे बिहारी, गोविंद बोलो, गोपाल बोलो..श्याम धुनि ने पूरे वातावरण को भक्तिमय कर दिया। कलश यात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुए कथा स्थल श्रीजी बैंक्वेज हॉल पांडेयवाला पर पहुंचकर समाप्त हुई।
कथा की शुरुआत करते हुए 14 वर्षीय बाल कथा व्यास पं. ब्रह्मरात हरितोष एकल्वय ने भागवत कथा का महात्मय समझाते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा सुनने से सभी दुखों का निवारण होता है।
भागवत के श्रवण से मन को परम शांति मिलती है। भागवत के साथ परिक्रमा करना ब्रह्मांड के सभी देवी देवताओं की परिक्रमा करने के समान है। यह अमर कथा है जिसको सुनने से हमारा ही नहीं अपितु हमारे पित्रों का भी उद्धार हो जाता है। जब हमारे बड़ों के पुण्य हमारे सामने आते हैं तो हमें संतों का सानिध्य मिलता है। कथा में मुख्य यजमान प्रदीप शर्मा, श्रीमोहन अधिकारी, प्रमोद शर्मा रहे। प्रदीप शर्मा ने बताया कि ब्रह्मरात सत्संग सेवा समिति द्वारा श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। 5 जनवरी से शुरू हुई। जबकि 13 जनवरी को इसका समापन हवन के बाद महाप्रसाद (भंडारे) के साथ होगा। उन्होंने बताया कि कोरोना से देश को मुक्ति के लिए कथा का आयोजन किया गया है। महामारी में हुई क्षति से ग्रसित जनमानस के कल्याण और महामारी से प्राण देने वालों की आत्मा की शांति के लिए की गई। जिससे जन मानस में सुख, शांति, समूद्धि हो। इस अवसर पर कौशल शर्मा, कपिल हरितोष, आलोक हरितोष, करण अधिकारी, संजीव गुप्ता आदि उपस्थित रहे। कथा व्यास के साथ नीरज गिरि, टीनू राणा, राजन, सन्नी राणा, बिन्नू राणा आदि ने सेवा की।