गुरु पूर्णिमा पर चरण पादुका मंदिर में हुई विशेष पूजा-अर्चना
: दूर-दूर से आए श्रद्धालु भक्तों ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी का लिया आशीर्वाद
गुरु पूर्णिमा पर पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा स्थित चरण पादुका मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर दूर-दूर से आए श्रद्धालु भक्तों ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज से आशीर्वाद लिया।
श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि गुरु पूर्णिमा अपने गुरु के प्रति समर्पण व आस्था का पर्व होता है। जीवन में गुरु ही हमें ईश्वर से प्राप्ति का मार्ग दिखाता है। गुरु के दिखाए ज्ञान पर ही जीवन सफल होता है।
गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय” बलिहारी गुरु आपनो जिन गोविंद दियो बताए का उदाहरण देते हुए श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरु को भगवान से बढ़कर स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि शिवपुराण के अनुसार 28वें द्वापर में इसी दिन भगवान विष्णु के अंशावतार वेदव्यास जी का जन्म हुआ। महर्षि वेदव्यास को चारों वेदों का ज्ञाता माना जाता है। उन्होंने ही सर्वप्रथम चारों वेदों का ज्ञान मानव जाति को प्रदान किया था।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख पदम कुमार ने कहा कि गुरु से प्राप्त शिक्षाओं व ज्ञान को आचरण में उतारकर जीवन में आने वाली बड़ी बड़ी से चुनौतियों का आसानी से सामना किया जा सकता है। गुरु केवल एक शिक्षक ही नहीं बल्कि अपने ज्ञान से शिष्य के सभी दोषों को दूर कर प्रत्येक संकट से बाहर निकालने वाला मार्गदर्शक भी होता है।
एसएम जे एन पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि गुरू न सिर्फ शिष्य के जीवन को संवारते हैं। बल्कि समाज और राष्ट्रनिर्माण में भी अहम योगदान देते हैं। गुरू ही शिष्य की जीवन रूपी नैया को भव सागर से पार लगाते हैं। गुरू की डांट में भी एक अद्भूत ज्ञान होता है। इसलिए सच्चे शिष्य को मन में गुरू के प्रति सदैव सम्मान रखना चाहिए।
मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी दिगंबर राजगिरी,अनिल शर्मा, महंत रवि पुरी,आरके शर्मा,डॉक्टर सुनील कुमार बत्रा,वैभव शर्मा,डॉक्टर एसके माहेश्वरी,मोहन चंद पांडेय,धीरज गोस्वामी,एसडीएम सदर पूरण सिंह राणा।