राजनीतीउत्तराखंडहरिद्वार

जनता का मूड नहीं पहचान पाए विधायक जी 

 

 

नगर निगम हरिद्वार के वार्ड नंबर 49 में भाजपा को 60 वार्डों में सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा। हरिद्वार नगर निगम दो विधानसभा हरिद्वार एवं रानीपुर के क्षेत्र में फैला है । वार्ड 49 विधानसभा रानीपुर के ज्वालापुर क्षेत्र का लकड़हारान वार्ड है जो तीर्थ पुरोहित बाहुल्य क्षेत्र है पिछले दो बार से भाजपा का ही पार्षद था जो लंबे समय बाद कॉग्रेस के कब्जे से मुक्त कराया था । गंगा सभा की राजनीति का भी बड़ा गढ़ वार्ड 48 और 49 को ही माना जाता है लेकिन 48 पर हमेशा चौहान बिरादरी का कब्जा रहा । वार्ड 49 में भाजपा की पार्षद बबीता शर्मा की निष्क्रियता से जनता में आक्रोश था । इस वार्ड में जनसंघ एवं भाजपा के संस्थापक सदस्य रहे स्व० सोमदत्त के पौत्र भाजपा युवा मोर्चा के मंडल महामन्त्री शिवम श्रोत्रिय लंबे समय से तैयारी कर रहे थे लेकिन चुनाव आरक्षण कार्यक्रम घोषित होते ही सीट को पुनः महिला सीट कर दिया गया । जिसके बाद भी शिवम श्रोत्रिय ने अपनी धर्म पत्नी तन्मयी श्रोत्रिय का चेहरा सामने रखा । तन्मयी श्रोत्रिय भाजपा के ही वरिष्ठ नेता उज्जवल पंडित की बहन है उसके बाद भी रानीपुर क्षेत्र के विधायक आदेश चौहान ने निवर्तमान पार्षद बबीता शर्मा पर ही विश्वास किया जिसके बाद तन्मयी श्रोत्रिय को ही शिवम श्रोत्रिय ने निर्दलीय मैदान में उतारने का फैसला किया। जिसके बाद भाजपा नेताओं में हलचल मची रही । शिवम श्रोत्रिय द्वारा चुनाव में नामांकन करने के बाद भाजपा के सभी दिग्गजों का प्रयास विफल रहा और चुनावी रण में भाजपा ही बागी भाजपा सामने खड़ी हो गई । प्रत्याशी कांग्रेस का भी था पर वो शुरू से ही बहुत कमजोर था। ऐसे में कांग्रेस के बहुत वरिष्ठ नेता पूर्व सभासद एवं पार्षद तथा श्री गंगा सभा से सर्वोच्च पदाधिकारी सभापति कृष्ण कुमार शर्मा भी शिवम श्रोत्रिय के साथ खड़े हो गए। जिसके बाद काफिला बढ़ता गया । मुस्लिम समुदाय का भी भारी साथ तन्मयी श्रोत्रिय के पक्ष में खड़ा हो गया । जिसके बाद रानीपुर क्षेत्र के विधायक आदेश चौहान अपनी पूरी ताकत शिवम श्रोत्रिय को पटखनी देने में लगा दी। विधायक को जब सफ़लता नहीं मिली तभी भाजपा प्रत्याशी के चुनावी कार्यालय के उद्धाटन के अवसर पर विधायक आदेश चौहान ने स्व० सोमदत्त से लेकर तन्मयी श्रोत्रिय के भाई भाजपा नेता उज्जवल पंडित एवं श्री गंगा सभा के स्वागत मंत्री सिद्धार्थ चक्रपाणि के खिलाफ बयान बाजी करते हुए उनको दोगला तक कह डाला और शिवम श्रोत्रिय को राजनीति का बच्चा तक कहने में कोई कसर नहीं छोड़ी । जिसके कारण वार्ड 49 की राजनीति में अपमान का बवाल मच गया और पार्षद के प्रति उभरी नाराजगी विधायक के गले में जा पडी । उसके बाद मतदान की तारीख आते आते लगभग सारा चुनाव शिवम श्रोत्रिय ‘पटेल’ के पक्ष में खड़ा हो गया । मतदान की शाम ढलते ढलते लगभग रिज़ल्ट सामने था कि भाजपा ने यह सीट बड़े अन्तर से खो दी है । मतगणना के दिन जब सुबह से भाजपा के पार्षदों के संख्या बढ़ती जा रही थी तब सभी को वार्ड 49 के रिज़ल्ट का इंतजार बेसब्री से था और रात 1 बजे जब वार्ड 49 का पहले बूथ की पेटी खुली तो मतपत्रों की गड्डी देख कर ही भाजपा के पक्षधर मतगणना स्थल से बाहर चल दिये । 138 मतों से पहला बूथ जितने के बाद दूसरे बूथ पर बढ़त 504 के पार पहुंच गई उसके बाद तो मैदान साफ था तीसरे बूथ पर तो मतपत्रों की गड्डी का पूरा ढेर अलमारी के चुनाव निशान की ओर लग गया जिसके बाद रात 2 बजे तन्मयी श्रोत्रिय को 957 मतों से विजयी घोषित किया गया। यह नगर निगम के 60 वार्डों में भाजपा की सबसे बड़ी हार थी और किसी भी निर्दलीय की सबसे बड़ी जीत थी। उसके बाद बाहर आते ही शिवम श्रोत्रिय ने बयान दिया कि भाजपा ने भले ही हमें सिम्बल न दिया हो । मुझे भी 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया हो लेकिन जनता जनता ने बताया कि असली भाजपा कौनसी है । वहीं भाजपा नेता उज्जवल पंडित का गुस्सा भी समाने आया उन्होंने सीधे विधायक आदेश चौहान पर इशारा करते हुए आरोप लगाया कि एक व्यक्ति की जिद्द का जवाब ही जनता ने दिया है । वहीं भाजपा के दिग्गजों ने भी माना कि संगठन ने श्रोत्रिय परिवार में टिकट न देकर बड़ी भूल की थी । वहीं जनता निवर्तमान पार्षद बबीता शर्मा से बहुत नाराज थी । मीडिया की कई चुनावी डिबेट एवं सभाओं में भी तन्मयी श्रोत्रिय ने मतदाताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। वहीं निवर्तमान पार्षद बबीता शर्मा की निष्क्रियता एवं बयानों ने स्वयं उनकी स्थिति कमजोर साबित कर दी थी ।

शिवम श्रोत्रिय बहुत सक्रिय नेता हैं जो समाज सेवी होने के साथ साथ क्षेत्र के युवाओं में भाजपा का बड़ा चेहरा हैं । उनके साथ युवाओ की बड़ी फौज है । जब सक्रीय सदस्य बनाए जाने की जिम्मेदारी भाजपा नेताओं ने अपने नेताओं को दी तो सबसे पहले बड़ी संख्या में शिवम श्रोत्रिय ने भाजपा के सदस्य बनाए। वहीं शिवम श्रोत्रिय की आरएसएस में सक्रियता किसी से छिपी नहीं है उसके बाद भी उनका टिकट काटना विधायक आदेश चौहान की जिद्द का ही कारण था । वहीं शिवम श्रोत्रिय की धर्मपत्नी तन्मयी श्रोत्रिय के भाई भाजपा के बहुत वरिष्ठ नेता उज्जवल पंडित है जो भाजपा के अच्छे रणनीतिकार एवं प्रखर वक्ता की भी पहचान रखते है। जो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ साथ पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के भी बहुत करीबी हैं । उसके 2022 में उज्जवल पंडित ने रानीपुर विधानसभा से विधायक की मजबूत दावेदारी भी की थी । वहीं 2018 में नगर पालिका शिवालिक नगर के चुनाव मे उज्जवल पंडित ने अपनी राजनीतिक कौशल का परिचय सभी को कराया था । जब विधायक आदेश चौहान की भारी नाराजगी के बाद भी भाजपा प्रत्याशी राजीव शर्मा को जीत दिलवाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। इस चुनाव में भी उज्जवल पंडित में वार्ड नंबर 6 भीमगोड़ा से भाजपा के सुमित चौधरी को अकेले दम पर जीत दिलाकर भाजपा का 32 सालों का वनवास खतम करवाया ।

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