महा कुम्भ 2021हरिद्वार

साध्वी अन्नपूर्णा और स्वामी राघवेंद्र बने निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर

  • अखाड़ा पंचों की उपस्थिति में संपन्न हुआ पट्टाभिषेक कार्यक्रम
  • हरियाणा और बैंगलूरु कर्नाटका में स्थित है दोनों संतों का स्थान
    हरिद्वार: पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने गुरुवार को हरियाणा की साध्वी अन्नपूर्णा भारती और बैंगलुरू के स्वामी राघवेंद्र भारती को अखाड़े का नया महामंडलेश्वर बनाया है। अखाड़ा पंचों की उपस्थिति में दोनों संतों का पट्टाभिषेक संपन्न हुआ।

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पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी मायापुर हरिद्वार में आयोजित महामंडलेश्वर पट्टाभिषेक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने दोनों संतों को बधाई व आशीर्वाद देते हुए कहा कि अखाड़ा परंपरा के अनुसार योग्य संत को ही महामंडलेश्वर के पद पर नियुक्त किया जाता है।

कहा कि संत परंपरा सनातन संस्कृति की वाहक है और गुरु शिष्य परंपरा से ही भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म की पहचान है। श्री अटल अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि ने कहा कि संतों का पूरा जीवन परमार्थ को समर्पित रहता है। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि अखाड़ों की गौरवशाली परंपरा के चलते पूरे विश्व में भारत की विशिष्ठ पहचान है। संत महापुरूषों का तप बल विश्व विख्यात होने की वजह से विदेशी श्रद्धालु भक्त भी सनातन संस्कृति को अपना रहे हैं। महामंडलेश्वर बने साध्वी अन्नपूर्णा भारती और बैंगलुरू के स्वामी राघवेंद्र भारती ने कहा कि कुंभ अवसर पर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी का महामंडलेश्वर पद पर अभिषिक्त होना उनके लिए गौरव की बात है। इस अवसर पर श्रीमहंत रामरतन गिरि, श्रीमहंत दिनेश गिरि, श्रीमहंत ओमकार गिरि, महामंडलेश्वर,साध्वी प्रेमलता गिरि,साध्वी सती गिरि,मंडकनी गिरी,गजानंद गिरी,हरिओम पुरी,विष्णु चेतन्य तीर्थ,स्वामी आनंद गिरि,सतीश वन,रघुवीर गिरि, दिगंबर बलवीर, स्वामी आलोक गिरि, राजपुरी, मां मंसा देवी मंदिर के ट्रस्टी राज गिरि आदि उपस्थित रहे।

अखाड़े में मेले का समापन, श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने की अपील


हरिद्वार: संतों में कोरोना के मामले बढ़ने पर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में 17 अप्रैल को मेले का समापन हो जाएगा। श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने संत-महंतों व आम नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि इस समय हरिद्वार की स्थिति अच्छी नहीं है। कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए 17 अप्रैल को मेले का समापन कर देंगे। छावनी में जितने संत महात्मा निवास कर रहे हैं, वह सब अखाड़ों में वापस चले जाएंगे। 27 अप्रैल तक जितने संत महात्मा अखाड़े में रहेंगे, वह शाही स्नान करेंगे। उन्होंने निरंजनी अखाड़े की ओर से अपील करते हुए कहा कि करोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए शारीरिक दूरी का पालन करें, मास्क लगाएं व सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें। एक दूसरे को दूर से ही प्रणाम करें।

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