उत्तराखंड

uttrakhand news पृथ्वी पर जीवन को बनाये रखने के लिए जैव विविधता संरक्षण आवश्यक: प्रो. बी.डी. जोशी

जैव विविधता संरक्षण पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन 
हरिद्वार नागरिक मंच, इनरव्हील क्लब, हरिद्वार तथा यूको बैंक गोविन्दपुरी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया महाविद्यालय परिसर में पौधारोपण 
haridwar news एस.एम.जे.एन.पी.जी. काॅलेज में आज काॅलेज प्रबन्ध समिति के सचिव श्री महन्त राम रतन गिरि जी महाराज की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं शोध केन्द्र, देहरादून एस.एम.जे.एन. काॅलेज के संयुक्त तत्वाधान में जैव विविधता संरक्षण विषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारम्भ माँ सरस्वती वन्दना व द्वीप प्रज्जवलित करके किया गया। काॅलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा व कार्यक्रम डाॅ. संजय माहेश्वरी आदि द्वारा सभी अतिथियों का माल्यार्पण किया गया। श्री महन्त रामरतन गिरि जी महाराज द्वारा सभी अतिथियों को ऐपण आर्ट के गमलों में हरित पौधे भेंट किये।
की-नोट स्पीकर प्रसिद्ध पर्यावरणविद प्रो. बी.डी. जोशी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि पृथ्वी पर जीवन को बनाये रखने के लिए जैव विविधता संरक्षण महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ऐसे अनेक तरीके हैं जिनसे जैव विविधता की समृद्धि पारिस्थितिक तंत्र को बनाये रखने में मदद् मिलती है। पृथ्वी पर जीवित प्राणियों के अस्तित्व के लिए जैव विविधता का संरक्षण अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को जैविक विविधता को समझना होगा, जैविक विविधता की समरसता को बनाये रखने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी पृथ्वी को पर्यावरण से सम्बन्धित स्थिति के तालमेल को स्थिर बनाये रखें।
डाॅ. एस.के शर्मा पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक, उत्तराखण्ड ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमें अपने वातावरण की शुद्धता को उच्च स्तर तक पहुंचाना है तो हमें जैविक विविधता के सन्तुलन को बनाये रखने पर अपना ध्यान केन्द्रित करना होगा। उन्होंने कहा कि जैविक विविधता तीन प्रकार की होती है आनुवांषिक विविधता, प्रजातीय विविधता तथा पारितंत्र विविधता। लोगों को जैविक विविधता के प्रति जागरूक करनेके लिए तथा इसके हमारे जीवन में कितना महत्व है, ऐसे जागरूक कार्यक्रम अत्यन्त लाभकार सिद्ध होंगे।
haridwar news हरित ऋषि विजय पाल बघेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि मानवीय जीवन में जैविक विविधता का बडा महत्व है। इस संसार में सभी जीवन को स्थिर बनाये रखने में जैविक विविधता एक अहम योगदान निभाती है। विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी तथा वनस्पति एक-दूसरे की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं साथ ही ये एक-दूसरे पर निर्भर भी हैं। दुर्भाग्य से बढ़ता हुआ प्रदूषण हमारे वातावरण पर गलत प्रभाव डाल रहा है, बहुत से पेड-पौधे तथा जानवर प्रदूषण के दुष्परिणाम के चलते अपना अस्तित्व खो चुके हैं और कई लुप्त होने की कगार पर हैं। अगर ऐसा ही रहा तो सभी प्रजातियों के सर्वनाश का दिन दूर नही हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए मनुष्य को इसके महत्व के बारे में अवगत कराना होगा ताकि वे इसे गम्भीरता से समझे और इसे सन्तुलन बनाये रखने के लिए हर सम्भव प्रयास करें। हरित ऋषि ने उपस्थित समस्त छात्र-छात्राओं और सेमिनार में आये शोध छात्र, प्राध्यापकों से एक-एक वृक्ष लगाने का आह्वान भी किया।
  महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने सभी अतिथियों का स्वागत व धन्यवाद प्रेषित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य भारतीय हिमालयी क्षेत्र के परिस्थितिकीय रूप से सम्पन्न भू-भागों में से एक है। उत्तराखण्ड राज्य जीव जन्तुओं तथा वनस्पतियों की जैव विविधता से सम्पन्न राज्य है। उत्तराखण्ड की इस जैव विविधता का आधार राज्य में मिलने वाली जल सम्पदा तथा विविध प्राकृतिक परिस्थितियां हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जैव विविधता को बचाने के लिए वन्य जीव बोर्ड का गठन, वन्य जीव संरक्षण अधिनियम तथा अनेकों प्रयास किये हैं परन्तु वर्तमान में कुछ ऐसे प्रयासों की आवश्यकता है जहां पर सामूहिक रूप से स्थानीय स्तर पर कार्य कर वैश्विक स्तर की स्थिति का बदला जा सके। इससे पूर्व हरिद्वार नागरिक मंच, इनरव्हील क्लब हरिद्वार तथा यूको बैंक की समस्त टीम, महाविद्यालय तथा सेमिनार में आये समस्त अतिथियों द्वारा महाविद्यालय में पौधारोपण भी किया गया।
राष्ट्रीय कार्यशाला में मुख्य रूप से डाॅ. मन मोहन गुप्ता, प्रो. तेजवीर सिंह तोमर, प्रो. जगदीश चन्द्र आर्य, डाॅ. विनीता चैहान, श्रीमती रिंकल गोयल, डाॅ. रजनी सिंघल, डाॅ. शिवकुमार चौहान, डाॅ. मनोज कुमार सोही, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, डाॅ. सरोज शर्मा, डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. मोना शर्मा, दिव्यांश शर्मा, वैभव बत्रा, डाॅ. सुगन्धा वर्मा, कविता छाबड़ा, आस्था आनन्द, मोहनचन्द्र पाण्डेय, आदि साहित काॅलेज के अनेक शिक्षक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अधिष्ठाता छात्र कल्याण संजय कुमार माहेश्वरी, श्रीमती रूचिता सक्सेना, श्रीमती कविता छाबड़ा व डाॅ. पदमावती तनेजा द्वारा सयुक्त रूप से किया गया। प्रथम सत्र के अंत में राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष विनय थपलियाल द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया तथा आयोजक सचिव डाॅ. विजय शर्मा द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button