
भीमगोड़ा की लीला में किया गया लक्ष्मण शक्ति का मंचन
हरिद्वार।
भीमगोड़ा में श्रीराम नाट्य संस्था की ओर से आयोजित रामलीला मंचन में लक्ष्मण शक्ति की लीला का मंचन किया गया। लक्ष्मण के युद्ध में मूर्छित होने के बाद हनुमान संजीवन बूटी लेकर आये और लक्ष्मण के प्राण बचाये थे। मेघनाथ और लक्ष्मण के बीच संवाद हुआ। जिसे लोगों ने पसंद किया।

युद्ध में लक्ष्मण के मूर्छित होने के बाद राम जब वियोग में रोने लगे तो विभीषण ने सुषेन वेद के बारे में बताया। लंका से हनुमान जी सुषेन वेद को लेकर पहुंचे। सुषेन वेद ने संजीवनी बूटी के बारे में बताया। और 24 घंटे के भीतर लाने के लिए कहा। हनुमान संजीव बूटी लेने पहुंचे। जहां बूटी की पहचान न होने के कारण पूरा पर्वत ही उठा ले आये। वापस आते वक्त हनुमान की भरत से मुलाकात हुई। संजीवनी बूटी से लक्ष्मण की मूर्छा टूटी।
राम का अभियन हरीश भट्ट, लक्ष्मण का सागर जोशी, हनुमान का अभियन शुभुम नौटियाल, अंगद का यागिक वर्मा, मेघनाद का बलराम गिरी कड़क, सुषेन वेद का हरिमोहन वर्मा ने किया। संस्था के अध्यक्ष रमेश गुप्ता ने बताया कि 15 अक्तूबर को दशहरा पंतद्वीप मैदान में मनाया जाएगा।