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विश्व आज असुरक्षा और अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है ऐसे में जरूरत है आपसी मित्रता की : स्वामी चिदानन्द सरस्वती

देहरादून ( जतिन शर्मा )

इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने अपने संदेश में कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत एक महत्त्वपूर्ण पड़ोसी और श्रेष्ठ मित्र राष्ट्र है । भारत ने सदियों से भौगोलिक , ऐतिहासिक , सांस्कृतिक एवं आर्थिक संबंध सभी राष्ट्रों के साथ बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है । कोविड-19 वैश्विक महामारी के समय भारत जिस तरह अपने पड़ोसी और मित्र राष्ट्रों के साथ खड़ा रहा वह अद्भुत था ।


वैश्विक महामारी के दौर में भारत ने मित्रता को नये सिरे से परिभाषित किया है । भारत ने हमेशा ही उदारता के साथ अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन बेहतर तरीके से प्रदर्शन किया है ।

वैश्विक शान्ति और सुरक्षा प्रथम आवश्यकता

भारत ने सदैव ही वैश्विक शांति को बनाये रखने में योगदान देते हुए सौहार्दपूर्ण एवं मित्रतात्मक संबंधों को प्राथमिकता दी है । भारत ने पूरी दुनिया को शान्ति का संदेश दिया है । भारत के जल और वायु में भी शान्ति की सुवास है । भारत हमेशा से ही शान्ति का उद्घोषक रहा हैं । हमारे ऋषियों ने सर्वे भवन्तु सुखिनः के दिव्य मंत्रों से सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में शान्ति की स्थापना की प्रार्थना की है ।


स्वामी ने कहा कि जब हम शान्ति की बात करते हैं तो शान्ति से तात्पर्य केवल युद्ध विराम से नहीं है बल्कि हमारे आन्तरिक द्वंद का शमन ही वास्तविक शान्ति का स्रोत है। जब तक अन्तःकरण में शान्ति नहीं होगी तब तक न तो बाहर शान्ति स्थापित की जा सकती है और न ही जीवन में शान्ति का आ सकती है ।
वास्तव में हम ही स्वयं के सबसे बड़े शत्रु हैं और स्वयं ही अपने मित्र भी है । जैसा वातावरण और जीवन हम चाहते हैं वैसे ही हम बन जाते है । यह सब हमारे अहं का विस्तार है या निस्तार पर निर्भर करता है । हमारा अहंकार और अभिलाषायें ही शान्ति के मार्ग के सबसे बड़े अवरोधक है । हम जितना अधिक हम स्वयं को अहम से अलग करते जायेंगे उतना अधिक हम स्वयं को शान्ति के नजदीक पायेंगे ।
स्वामी ने कहा कि दुनिया को एकजुट करने लिये शान्ति ही एक मात्र अस्त्र है। गांधी जी ने शान्ति की बड़ी सुन्दर व्याख्या की है आँख के बदले में आँख पूरे विश्व को अंधा बना देगी , इसलिये शक्ति प्रदर्शन नहीं बल्कि शान्ति से शक्ति का संतुलन ही सर्वोत्तम उपाय है ।

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