ऊषा ब्रेको लीज प्रकरण हाईकोर्ट पहुंचा,जानिए किसे बनाया पक्षकार

हरिद्वार।
हरिद्वार। नगर निगम की बोर्ड बैठक में रोपवे कंपनी उषा ब्रेको की लीज बढ़ाए जाने का बाद से शुरू हुआ विरोध कम नहीं हो रहा है। इस मामले के खिलाफ हाईकोर्ट नैनीताल में याचिका दायर की गई है। याचिका में लीज संबंधी प्रस्ताव को नियमों के विरुद्ध बताते हुए भारी वित्तीय भ्रष्टाचार के साथ ही आर्थिक अनियमितताओं की आशंका जाहिर की गई है। हाईकोर्ट ने 11 अगस्त को प्रकरण की सुनवाई निर्धारित की है।
याचिकाकर्ता धर्मवीर सैनी ने कहा लीज होल्डर उषा ब्रेको को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से नियम विरुद्ध नगर निगम बोर्ड में प्रस्ताव पारित कर शासन और नगर निगम को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया है। उन्होंने कहा इस सारे प्रकरण में भारी वित्तीय भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितताओं की बू आ रही है।
इस संदर्भ में उनके द्वारा एक जनहित याचिका उच्च न्यायालय नैनीताल में दाखिल की गई जिसे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ ने स्वीकार करते हुए 11 अगस्त की तिथि को सुनवाई के लिए मुकर्रर किया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने हरिद्वार नगर निगम की मेयर अनीता शर्मा समेत उत्तराखंड सरकार हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण प्रभागीय वन अधिकारी हरिद्वार और नगर निगम हरिद्वार को मामले में पक्षकार बनाया है। सभी पक्षों को 6 सप्ताह में जवाब दाखिल करने को निर्देशित किया गया है। मामले की सुनवाई कर रही हाईकोर्ट की मुख्य खंडपीठ ने 11 अगस्त को सुनवाई का दिन निर्धारित किया है।
याचिकाकर्ता धर्मवीर सैनी ने कहा नियमों के विपरीत जाकर नगर निगम के बोर्ड और अधिकारियों ने कंपनी को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से गलत तरीके से लीज बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया जिसे भारी वित्तीय और आर्थिक भ्रष्टाचार अनियमितताओं की आशंका हो रही है जबकि पूर्व में ऊषा ब्रीको द्वारा नगर निगम को 123 करोड रुपए का बकाया भी भुगतान नहीं किया गया और आर्बिट्रेशन द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर 2010 में नगर निगम की 10 वर्षों के लिए लीज बढ़ाई गई जो अवैधानिक थी उस पर भी नगर निगम मेयर बोर्ड और अधिकारी चुपचाप रहे जिससे किसी बड़े घोटाले की आशंका जाहिर होती है उन्होंने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष इस प्रकरण में सारे तथ्य आ चुके हैं।