हरिद्वार: कोर्ट से राहत मिलने के बाद बड़ा अखाड़ा उदासीन के महंत रघुमुनि और महंत दामोदर दास आदि ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता कर विरोध और बयानबाजी करने वाले संतों को गरिमा में रहने की चेतावनी दी। अपने अखाड़े के महामंडलेश्वर महंत रुपेंद्र प्रकाश और महंत प्रेमदास आदि संतों को भी हिदायत दी।
कनखल स्थित बड़ा अखाड़ा उदासीन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए महंत रघुमुनि ने कहा कि महंत दुर्गादास आदि संतों ने अखाड़े की संपत्ति खुर्दबुर्द करने के झूठे आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से झूठी शिकायतें की। विवाद में शहर विधायक मदन कौशिक को भी घसीटा गया।
न्यायालय के माध्यम से फर्जी आरोप लगाकर चिट्ठीबाजी करने वालों की जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि माननीय न्यायालय पर उन्हें पूरा भरोसा था, आगे भी रहेगा और कोर्ट ने दूध का दूध, पानी का पानी कर दिया है। महंत रघुमुनि ने कहा कि वह पश्चिम पंगत से आते हैं और पूरी पंगत का समर्थन उन्हें प्राप्त है। अखाड़े के कुछ संतों ने बाहरी लोगों के बहकावे में आकर उनके बारे में दुष्प्रचार किया है। जबकि हमने कभी भी दूसरे संतों के बारे में कोई गलत बात नहीं की है। महंत मोहनदास मामले की सीबीआई जांच की मांग पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में महंत रघुमुनि ने कहा कि हमने कभी भी सीबीआई जांच का विरोध नहीं किया है।
महंत मोहनदास हमारे बहुत प्रिय और हमारी परंपरा के संत रहे हैं। वहीं, अखाड़े की संपत्ति खुर्दबुर्द करने के आरोपों की जांच भी कराई जा सकती है। कहा कि महंत रुपेंद्र प्रकाश ने हमारे अखाड़े के महामंडलेश्वर होने के बावजूद गलत बयानबाजी की। महंत रुपेंद्र प्रकाश व अखाड़े की महतौली शाखा में तैनात महंत प्रेमदास से कहना चाहते हैं कि मर्यादा का ध्यान रखें। यह आचरण सही नहीं है। महंत दामोदर दास ने कहा कि अखाड़े के खर्चों की पूर्ति के लिए सभी अखाड़ों ने अपनी दुकानें व संपत्तियां किराये पर दी हुई हैं, हमने संपत्ति लीज पर दी है तो क्या गलत किया।