बिहार से आए महंत दयानंद मुनि ने पत्रकार वार्ता कर लगाए आरोप
हरिद्वार। बड़ा अखाड़ा उदासीन में संतों के बीच चल रही रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। अब बिहार के पटना से आए महंत ने श्रीमहंत महेश्वर दास और महंत दुर्गादास पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मठ की करोड़ों रुपये की संपत्ति दो दशक के अंदर बेचे जाने का आरोप लगाते हुए अपनी भी जान का खतरा जताया है।
सरकार से सीबीआई जांच की मांग की है।
रविवार को कनखल में सतीघाट के समीप उदासीन संगत फुलवारी पटना के महंत दयानंद मुनि ने कहा कि उनके और उनकी गुरु परंपरा
के साथ श्रीमहंत महेश्वर दास और महंत दुर्गादास ने दुराचार और अन्याय किया है। कहा कि उदासीन संप्रदाय के संविधान में स्पष्ट है कि अखाड़े के सविधान में श्री निर्वाण देव ने कहा है कि जिस मठ की गुरु परंपरा महंताई का विषय होता है। उस मठ में उनके चेले या परिवार के लोग ही महंताई करते हैं। लेकिन दामोदरदास महाराज के बाद ऋषि उदासीन आश्रम रानोपाली में श्रीमहंत महेश्वर दास की अध्यक्षता में भरत दास को महंतई दी गई।
आरोप लगाया कि दोनों महंतों ने 2002 से अब तक 50 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बेच दी है। जबकि महंत नारायण राम की 1857 में बनाई