शिक्षाहरिद्वार

पतंजलि अनुसंधान संस्थान द्वारा वनस्पति नामकरण कार्यशाला के मध्यसत्र का हुआ उद्घाटन

आधुनिक वनस्पति शास्त्र के आधार पर संस्कृत नामकरण का यह अपने आप में अद्भुत व प्रथम प्रयास : आचार्य बालकृष्ण

इस महान् कार्य की महत्ता व इसकी व्यापकता से आने वाली सदियां लाभान्वित होंगी : डाॅ0 धनसिंह रावत

हरिद्वार, 27 दिसंबर : अनुसंधान संस्थान द्वारा वनस्पति नामकरण कार्यशाला के मध्यसत्र का उद्घाटन उत्तराखण्ड के उच्च षिक्षा मंत्री डाॅ0 धनसिंह रावत द्वारा किया गया। पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज के नेतृत्व में विगत दशक से भी अधिक वर्षों से चल रहे वनस्पति नामावली शास्त्रों के निर्माण कार्य को अंतिम रूप प्रदान करने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जिसमें भारत के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे हुए अनेक विद्वान् सहभागिता प्रदान कर रहे हैं।
कार्यशाला में प्रो0 वेदप्रकाश उपाध्याय, डाॅ0 मनोहर लाल , डाॅ0 सत्यपाल, डाॅ0 आचार्य रविन्द्र , डाॅ0 हरि सिंह शास्त्री, डाॅ0 सुभाष चन्द्र कौशिक आदि अनेक विद्वान् लोग विगत तीस दिनों से कार्यशाला में शामिल हैं जो तीन दिन और चलेगी। उक्त कार्यशाला में वनस्पति विश्वकोश के लिए संस्कृत भाषा में नामकरण व कार्यों के निर्धारण का कार्य चल रहा है। कार्यशाला के माध्यम से 3 लाख 60 हजार से ज्यादा वनस्पतियों का नामकरण किया जा रहा है। इस कार्य में पतंजलि की ओर से डाॅ0 राजेश मिश्र, डाॅ0 भास्कर जोशी, डाॅ0 सरिता, डाॅ0 करुणा, डाॅ0 स्वाति आदि अनेक विद्वान् व विदुषी अपनी सहभागिता प्रदान कर रहे हैं।
उक्त कार्यशाला के विषय में आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि आधुनिक वनस्पति शास्त्र के आधार पर संस्कृत नामकरण का यह अपने आप में अद्भुत व प्रथम प्रयास है। इससे हमारे शास्त्रों के संरक्षण को विश्वव्यापी बनाने में बड़ा योगदान होगा।
डाॅ0 धनसिंह रावत ने उक्त कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह की विश्वव्यापी कार्यशाला का आयोजन पतंजलि के द्वारा ही किया जा सकता है। इस महान् कार्य की महत्ता व इसकी व्यापकता से आने वाली सदियां लाभान्वित होंगी। संस्कृत भाषा में विज्ञान, शिक्षा व अन्य विषयों के शब्दकोष व विविध शास्त्रों के निर्माण से ही हम अपनी संस्कृति के महत्व को विश्व में पुनः प्रतिष्ठापित कर पायेंगे।
इस कार्यशाला के आयोजन के मध्य सत्र के उद्घाटन में कुंवर प्रणव सिंह ‘चैम्पियन’, दिलीप रावत विधायक व सहकारी संस्थान के श्री वर्मा जी आदि अनेक लोग उपस्थित थे।

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