Akhada parishad अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने किया बडा अखाडा उदासीन के तीन संतों को परिषद से बहिष्कृत,पढ़िए पूरी खबर
अखाड़ा परिषद ने यह कार्यवाही बड़ा अखाड़ा उदासीन के पंच परमेश्वर की ओर से दिये गये अनुरोध पत्र पर की
अखाड़े की सम्पत्ति को न केवल खुर्द-बुर्द किया बल्कि उसकी खरीद बिक्री में भी संल्पित रहे
हरिद्वार/विजय सुब्रह्मण्यम
हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि बड़ा अखाड़ा उदासीन से बहिष्कृत किये गये तीन महंतों के विरूद्ध अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के द्वारा भी कार्यवाही की गई है। अखाड़े से भी बहिष्कृत करने का ऐलान किया। बड़ा अखाड़ा उदासीन के महंत रघुमुनी मुकामी महंत अग्रदास एवं दामोदर दास शामिल है।
अखाड़ा परिषद ने यह कार्यवाही बड़ा अखाड़ा उदासीन के पंच परमेश्वर की ओर से दिये गये अनुरोध पत्र पर की। तीनों पर पदासीन रहते हुए अखाड़ा परम्परा के विरूद्ध कार्य करने और अखाड़े की सम्पत्ति को खुर्द-बुर्द कर खरीद बिक्री करने का आरोप है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्रपुरी महाराज ने पूष्टि करते हुए बताया कि अखाड़ा परिषद ने बड़ा अखाड़ा उदासीन के पंच परमेश्वर के लिखित अनुरोध के बाद यह कार्यवाही की। बताया कि बड़ा अखाड़ा उदासीन के पंचपरमेश्वर की ओर से लिखित जानकारी दी गई है कि आरोपी संतों ने अखाड़ा परम्पराओं के विरूद्ध करते हुए अखाड़े की सम्पत्ति को न केवल खुर्द-बुर्द किया बल्कि उसकी खरीद बिक्री में भी संल्पित रहे। आरोप है कि इसे लेकर अब अखाड़े के पंच परमेश्वर ने कार्यवाही की तो आरोपी संतों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए पंच परमेश्वर पर दबाब बनाने की कोशिश की।
श्रीमहंत रविन्द्रपुरी ने बताया कि बड़ा अखाड़ा उदासीन के पंच परमेश्वर की इस तरह की लिखित शिकायत और कार्यवाही के अनुरोध पर तीनों को अखाड़ा परिषद से बहिष्कृत करने का निर्णय लिया गया है। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी ने कहा कि पंच परमेश्वर सर्वाधिकार युक्त होते है उन्हे अखाड़ा परम्पराओं के विरूद्ध कार्य करने वालों को किसी भी समय निकालना एवं अन्य किसी को जो अखाड़े के हित में कार्य करता है किसी भी समय रखने का अधिकार प्राप्त है। उन पर दबाव या प्रभाव जमाना परम्परा के विरूद्ध आता है।