उत्तराखंडहरिद्वार

पाकिस्तान से अस्थि हरिद्वार में प्रवाहित के लिए मिले विशेष वीजा: युधिष्ठिर लाल


: मोक्ष के इंतजार में रखी थी पाकिस्तान के 20 लोगों की अस्थियां, रविवार को हुई गंगा में विसर्जित
: शाम को हवन यज्ञ किया और शांतिकुंज में धार्मिक गोष्ठी में पहुंचे श्रद्धालु


हरिद्वार। पाकिस्तान के सिंध प्रांत से हरिद्वार में शदाणी दरबार में शनिवार को पहुंचे 223 हिन्दू श्रद्धालुओं का जत्था कई साल से मोक्ष के इंतजार में रखी 20 दिवंगतों की अस्थियां भी लेकर आए। रविवार को विधि-विधान के साथ अस्थियां हरकी पैड़ी अस्थि प्रवाह घाट पर गंगा में प्रवाहित कर दी गई। श्रद्धालुओं ने शाम को शदाणी घाट पर हवन यज्ञ किया। फिर शांतिकुंज गायत्री परिवार में धार्मिक गोष्ठी में पहुंचे और रात को दरबार में ही सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होकर आनंद उठाया।


हरकी पैड़ी पर अस्थि प्रवाहित करने के दौरान मीडिया से बातचीत में शदाणी दरबार के पीठाधीश्वर डॉ. संंत युधिष्ठिर लाल ने कहा कि पाकिस्तान के 33 शहरों से इस बार 20 लोगों की अस्थियां लेकर श्रद्धालु हरिद्वार आए हैं। कई सालों से ये अस्थियां मोक्ष के इंतजार में रखी हुई थी। रविवार की सुबह हरकी पैड़ी अस्थि प्रवाह घाट पर अस्थियां गंगा में प्रवाहित कर दी गई। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पवित्र सिंधु नदी है। लेकिन सिंधु हिन्दू समाज के लोगों की अस्थियां गंगा में ही विसर्जित की जाती हैं।


बताया कि आज सिंधु समाज के उन दिवगंत प्राणियों को मोक्ष मिल गया, जिनकी अस्थियां कई सालों से रखी थी। कहा कि सिंधु हिंदू समाज सदियों से ही गंगा में फूल प्रवाह के लिए आता रहा है। इस बार ये अस्थियां पाकिस्तान के सिंध प्रांत के 33-34 शहरों के लोग लेकर आए हैं।


डॉ. संत युधिष्ठिर लाल ने कहा कि भारत सरकार की ओर से कहा गया है कि अगर पाक से कोई हरिद्वार में आकर अस्थियां विसर्जित करना चाहता है तो बिना शर्त के एक हफ्ते का विशेष वीजा दिया जाएगा। मगर अभी तक सैकड़ों में से सिर्फ दो-चार लोगों को ही वीजा मिल पाया है। इस पर भी भारत सरकार को ध्यान देना चाहिए। जत्थे के लीडर गोविंदराम मखीजा ने बताया कि वह शदानी दरबार के नेतृत्व में पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आए हैं। हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के जत्थों का आने का सिलसिला पिछले 35-40 सालों से जारी है। बताया कि हरिद्वार आने से पहले अयोध्या में पहुंचकर रामलला के दर्शन किए हैं। हरिद्वार आने के बाद गंगा में अपने पूर्वजों की अस्थियां विसर्जित की हैं। बताया कि भारत आने के लिए वीजा लेने में काफी परेशानी होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हैं कि पाकिस्तान के हिंदू सिंधी यात्रियों को जल्द वीजा मिलने की व्यवस्था कीजाए।

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