हरिद्वार,
किसानों में जैविक खेती तथा आधुनिक तकनीकी से उद्यमिता विकसित करके आत्मनिर्भर बनाना पतंजलि का प्रमुख लक्ष्य: *आचार्य बालकृष्ण*
देश में ऋषि कार्य एवं कृषि कार्य ही प्रगति का आधार: *आचार्य बालकृष्ण*
पतंजलि योगपीठ तथा पतंजलि आर्गेनिक रिसर्च इंस्टिट्यूट हरिद्वार के संयुक्त तत्वाधान में ‘योगहार: एक स्वैछिक कार्यक्रम’ के 1095 दिवस (3 वर्ष) पूर्ण होने पर आयोजित दो दिवसीय योगहार प्रशिक्षण शिविर (एक कदम उद्यमिता एवं स्वावलम्बन की ओर) आयोजित किया गया। समृद्ध ग्राम पतंजलि ट्रेनिंग सेंटर द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में 8 राज्यों के 200 से ज्यादा प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में पतंजलि द्वारा किसानो एवं ग्रामोत्थान के लिए किये जा रहे कार्यो के साथ साथ धरती का डॉक्टर मृदा परीक्षण मशीन, B-POS मशीन, जैविक कृषि, प्राकृतिक कृषि, हरित क्रांति एवं अन्नदाता ऐप की जानकारी भी दी गयी। इस कार्यक्रम में पतंजलि विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओ ने मृदा स्वास्थय पर एक सुन्दर नाटिका भी प्रस्तुत की । इस मौके पर पतंजलि संसथान के सह-संस्थापक श्री आचार्य बालकृष्ण जी ने सभी प्रशिक्षु भाई बहनो को सम्बोधित करते हुए पारंपरिक जैविक एवं प्राकृतिक कृषि को आगे बढ़ाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने बताया कि देश में ऋषि कार्य एवं कृषि कार्य के द्वारा ही समृद्धि और आत्मनिर्भरता को प्राप्त किया जा सकता है । उन्होंने कहा छोटे छोटे लघु एवं घरेलू उद्योगों को स्थापित कर और उद्यमिता विकास एवं स्वावलंबन को अपनाने का हर देशवासी को प्रयास करना चाहिए।
इस अवसर पर आचार्य जी ने पद्म सेठ पाल सहित 15 किसानो को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए पतंजलि परिवार की ओर से सम्मानित भी किया। इस अवसर पर पतंजलि अनुसन्धान संस्थान, जैविक अनुसन्धान संस्थान, पतंजलि विश्वविद्यालय एवं समृद्ध ग्राम के वैज्ञानिक, शिक्षक तथा अन्य कर्मयोगी भाई बहन उपस्थित रहे।