हरिद्वार, मारपीट के मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाने के नाम पर 30 हजार की रिवश्वत मांग रहे शांतरशाह चौकी में तैनात एसआई पंकज कुमार विजीलेंस टीम को देखकर फरार हो गया। जबकि उसका सहयोगी पीआरडी जवान सुरेंद्र कुमार हत्थे चढ़ गया।
क्षेत्र के गांव रतनपुर की रहने वाली एक महिला सहराना ने मारपीट के मामले से जुड़ा एक मुकदमा थाने में दर्ज कराया था। मामले की जांच शांतरशाह चौकी में तैनात एसआई पंकज कुमार को सौंपी गई थी। मारपीट के प्रकरण की जांच कर रहे दरोगा ने मुकदमे में नामजद मोहतसीन को गंभीर धाराओं में जेल भेजने का खौफ दिखाकर बीस हजार की रकम ले ली। उसके बाद दरोगा ने मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाने के नाम पर तीस से चालीस हजार की रकम मांगी। दरोगा के बार बार रकम मांगने से क्षुब्ध होकर आरोपी पक्ष के मोहतसीन ने सतर्कता अधिष्ठान के टोल फ्री हेल्प लाईन नंबर पर संपर्क साधा। उसने विजीलेंस को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। विजीलेंस की प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए गए। जांच के बाद आरोपी की धरपकड़ के लिए टीम गठित की गई। टीम ने बुधवार को शांतरशाह चौकी के आस पास जाल बिछाया।
शिकायतकर्ता ने चौकी पहुंचकर दरोगा से संपर्कसाधा, जिसके बाद दरोगा ने रकम पीआरडी जवान सुरेंद्र को थमा देने की बात कही। शिकायतकर्ता ने पीआरडी जवान को रकम थमाई, तभी विजीलेंस ने पीआरडी जवान को दबोच लिया। कार्रवाई होने पर दरोगा पंकज कुमार मौके से फरार होने में कामयाब रहा, जिसका पीछा विजीलेंस ने किया लेकिन उसका अता पता नहीं चल सका।
दरोगा और पीआरडी जवान के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। विजीलेंस ने आरोपी दरोगा की तलाश में जगह जगह छापे मारे लेकिन दूर दूर तक उसका पता नहीं चल सका। देर शाम विजीलेंस की टीम पीआरडी जवान को लेकर देहरादून के लिए रवाना हो गई, जिसे भ्रष्टाचार अधिनियम के मामले की सुनवाई करने वाली कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।