उत्तराखंडहरिद्वार

शदाणी दरबार के संतों की जीवनी पर बनी फिल्म ‘धुणेशवर’ रिलीज



: भारत के कई शहरों में फिल्म रिलीज होने के बाद देखने के किए उमड़ रही भीड़

: हरिद्वार में भी संतों के उपस्थिति में दिखाई जाएगी धार्मिक धुनेश्वर फिल्म

हरिद्वार/अमर लाल शादानी

हरिद्वार। उत्तरी हरिद्वार के सप्त सरोवर स्थित हिंद और सिंध के 300 वर्ष प्राचीन शदानी दरबार तीर्थ के संतों की जीवनी पर बनाई गई हिंदी फिल्म “धुणेशवर” रिलीज कर दी गई है शदाणी दरबार तीर्थ के संत डा. युधिष्ठिर लाल महाराज की प्रेरणा से दो वर्ष की कड़ी मेहनत से बनाई गई ये फिल्म देश के कई शहरों में रिलीज हुई है। जल्द ही कई और राज्यों में भी जल्द इसे रिलीज किया जाएगा। सिनेमा हॉल में बड़े पर्दे पर सत्यघटनाओं पर आधारित मधुर गीतों के साथ बनी धार्मिक फिल्म की बेहद प्रशंसा की जा रही है। जल्द ही हरिद्वार में भी संतों की उपस्थिति में फिल्म दिखाई जाएगी।


शदानी दरबार के नवम पीठाधीश्वर संत डॉ. युधिष्ठिर लाल महाराज के मुताबिक फिल्म में सनातन एवं अध्यात्म के प्रति शदाणी दरबार के संतों के किए गए सेवाभाव से कार्यों को भी दिखाया गया है। जिन्हें देखकर लोग भाव विभोर हो रहे हैं। अखंड भारत का वेद भूमि सिंधु देश जिस को आज हम सिंध के नाम से जानते है। वहां करीब 310 साल पहले शिव अवतारी संत शदाराम साहब के अवतरण से लेकर वर्तमान में धुणेशवर दरबार तीर्थ, रायपुर, छत्तीसगढ के संत परंपरा के तप, जप एंव सनातन धर्म के प्रचार – प्रसार के अद्भुत इतिहास को धुणेशवर फिल्म में संजोया गया है।


फिल्म की कहानी एंव पटकथा में कसावट है। उन्होंने कहा कि फिल्म को जल्द ही हरिद्वार में भी दिखाया जाएगा। अखिल भारतीय शदाणी सेवा मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता उदय शदाणी ने बताया के फिल्म बनाने का उद्देश्य आज के समाज को बताना कि भूतकाल में मुगलों और अंग्रेजों के कठिन शासन काल में कैसे गृहस्थ जीवन में रहकर हमारे संतों ने धर्म की रक्षा की थी। समाज को एक नई राह दिखाई थी। जिससे आज के समाज को प्रेरणा मिले। हर एक भारतवासी राष्ट्र एवं धर्म प्रेमी बने।


पात्रों का सजीव अभिनय, दृश्य-संयोजन, संवाद, संगीत पक्ष एंव निर्देशन उत्तम है। एक अलग विषय के उद्देश्य को लेकर सिंध की तपो भूमि के संतों पर आधारित फिल्म धुणेशवर के प्रोड्यूसर उदय शदाणी और डायरेक्टर आरके गिदवानी हैं। यह फिल्म शदाणी दरबार तीर्थ के संत डा. युधिष्ठिर लाल महाराज की प्रेरणा से दो वर्ष की कड़ी मेहनत से बनाया गया है। अब तक यह फिल्म छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट प्रांत में दिखाई गई है। जल्द ही देश के अन्य प्रदेशों में भी रिलोज़ की जाएगी।फिल्म हर धर्म प्रेमी को अवश्य देखनी चाहिए।

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