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: संविधान दिवस पर सनातन परिषद कार्यालय पर हुई गोष्ठी
हरिद्वार: अखिल भारतीय सनातन परिषद के केंद्रीय कार्यालय पर संविधान दिवस पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसमें संविधान का महत्व बताया गया।
गोष्ठी का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। इसके बाद डा. भीमराव आंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए श्रद्धांजलि दी। गोष्ठी की अध्यक्षता अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता महामंडलेश्वर स्वामी महेशानंद गिरी जी महाराज ने की। मुख्य वक्ता के तौर पर उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ दिनेश चंद शास्त्री ने कहा कि संविधान किसी भी लोकतान्त्रिक देश के लिए शीर्ष होता है। संविधान के अंतर्गत लोकतांत्रिक सरकार का गठन किया जाता है। उस देश में सभी कार्य संविधान के तहत ही होते हैं। कोई भी संविधान में अपनी मर्जी से कोई भी बदलाव नहीं कर सकता है।
संविधान सरकार का निर्माण करने का अधिकार देता है और सरकार इसके अंतर्गत देश की सुरक्षा, लोगों की सुरक्षा, देश में सौहार्द और ईमानदारी की स्थापना करता है।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित अविक्षित रमन व महामंत्री पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि 26 नवंबर 1949 में भारतीय संविधान सभा की ओर से संविधान को अंगीकार किया गया था। संविधान दिवस मनाने की परंपरा की शुरुआत साल 2015 से की गई। बताया कि 26 नवंबर 1949 को संविधान को अंगीकार किए जाने के बाद देश में इसे लागू करने में कुछ महीने का वक्त लगा। 26 जनवरी 1950 को संविधान पूरी तरह से लागू कर दिया गया। इसलिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है।
राष्ट्रीय सचिव राजबीर सिंह कटारिया, प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर विशाल गर्ग, प्रदेश महामंत्री सुधांशु वत्स, महंत दयानंद मुनि, स्वामी शंकर मुनि, प्रणव कौशिक, मनोज राणा, अजय सिंह आदि ने भी विचार रखे।
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