निरंजनी अखाड़ा के महंत डोंगर गिरी हुए ब्रह्मलीन

: संतों के सानिध्य में चंडीघाट मैदान स्थिति दी गई भू समाधि
: अखाड़े के लिए सदैव प्रेरणास्रोत बने रहेंगे डोंगर गिरी : श्रीमहंत रविंद्रपुरी
हरिद्वार।
पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के वयोवृद्ध महंत डोंगर गिरी ब्रह्मलीन हो गए। उन्हें चंडी घाट स्थित मैदान में विधि विधान और मंत्रोच्चारण के साथ भू समाधि दी गई। समस्त संतों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
शनिवार को मायापुर स्थित निरंजनी अखाड़े में 70 वर्षीय महंत डोंगर गिरी महाराज अचानक ब्रह्मलीन हो गए। उनके ब्रह्मलीन होने से संत समाज में दुख की लहर दौड़ पड़ी। मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष व पंचायती श्री निरंजनी अखाड़े के सचिव श्री महंत रविंद्रपुरी महाराज के सानिध्य में मंत्रोच्चारण और विधि विधान के साथ चंडी घाट के पास मैदान में भू समाधि दी गई। इससे पहले सभी संतों ने पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि महंत डोंगर गिरी महाराज निरंजनी अखाड़े के लिए सदैव प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि संतों का जन्म सेवा कार्यों के लिए होता है। श्रीमहंत राम रतन गिरी महाराज ने कहा कि महाराज ने कहा कि असमय ही उनका भगवान से साक्षात्कार हो गया और और वह ब्रह्मलीन हो गए। हमारा और उनका साथ छूट गया। ईश्वर ने उन्हें आत्मसात कर लिया है। दुनयावी लिहाज से यह अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई नामुमकिन है। उन्होंने कहा कि संतो के ब्रह्मलीन होने पर जल समाधि दी जाती है। लेकिन पर्यावरण को लेकर जारी गाइडलाइन का संतों ने पालन करते हुए भू समाधि दी। इस अवसर पर श्रीमहंत लखन गिरी महाराज, महंत शिवन, मनीष भारती, नरेश गिरी, राधे गिरी महाराज, ओमकार गिरी, महंत नीलकंठ गिरी, राकेश गिरी, राधेश्याम पुरी, महंत राजेंद्र भारती, बलवीर पुरी, राज गिरी, गंगा गिरी, दिगंबर सुखदेव पुरी, रघुवन मुख्तियार, आशुतोष पुरी गिरी, उमेश भारती, अर्जुन सिंह, मनोज मंत्री, अरुण आदि उपस्थित थे।