हरिद्वार।श्री विश्नोई आश्रम भीमगोड़ा के परमाध्यक्ष महंत राजेंद्रानन्द महाराज ने कहा कि जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के ब्रह्मलीन होने से सनातन धर्म की नहीं अपितु सर्व समाज व संत समाज की अपूर्णीय क्षति हुई है जिसकी भरपाई करना असंभव है शंकराचार्य जी ने जीवन भर हिंदू समाज को जोड़ने का काम किया और धर्म पर चलाने का काम किया उन्होंने कभी राजनीतिक सत्ता को धर्म सत्ता पर हावी नहीं होने दिया उनके मार्गदर्शन में सनातन धर्म तेजी से भारत में ही नहीं अपितु विदेशों में भी अग्रसर है।
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के ब्रह्मलीन होने पर जूना अखाड़ा के श्री महंत देवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के ब्रह्मलीन होने से सनातन धर्म और संस्कृति की बड़ी हानि हुई हैं उन्होंने जीवन भर देश में धर्म की पताका को चारो कोनो में फहराने का कार्य करते हुए लोगो को सनातन धर्म के प्रति जागरूक करने का काम किया।
विश्वगुरु शंकराचार्य दशनाम गोस्वामी समाज रजि751के राष्ट्रीय महासचिव प्रमोद गिरि ने कहा कि जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के ब्रह्मलीन होने से सनातन धर्म संस्कृति की क्षति के साथ साथ गोस्वामी समाज व सर्व समाज को भारी क्षति हुई है।उन्होंने कहा कि सनातन परंपरा में भगवान के बाद दूसरे नंबर पर जगद्गुरु शंकराचार्य जी का स्थान है उन्ही के मार्गदर्शन में सनातन हिन्दू धर्म को गोस्वामी समाज देश में बढ़ाने का कार्य करते हुए लोगो को हिंदू धर्म के प्रति जागरूक करने का काम कर रहा है।