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दान-पुण्य, पूजा-तप करने से अक्षय फल की होती है प्राप्ति: श्रीमहंत रविंद्रपुरी

अक्षय तृतीया पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्रपुरी महाराज ने दी शुभकामनाएं

पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में अक्षय तृतीया पर हुई विशेष पूजा अर्चना

हरिद्वार। अक्षय तृतीया पर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज के सानिध्य में विशेष पूजा अर्चना की गई। पूजा अर्चना के बाद उन्होंने समस्त श्रद्धालु भक्तों को अक्षय तृतीया की शुभकामनाएं दी और आशीर्वाद प्रदान किया।


इस अवसर पर श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने बताया कि अक्षय तृतीया को हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ और मंगलकारी तिथि माना गया है। अक्षय तृतीया एक अबूझ मुहूर्त है यानी इस तिथि पर कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है। अक्षय तृतीया का त्योहार वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। अक्षय तृतीया को अखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। अक्षय का अर्थ होता है ‘जिसका कभी भी क्षय न हो यानी कभी नाश न हो’ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया शुभ कार्य, दान-पुण्य, स्नान,पूजा और तप करने से अक्षय फल की प्राप्ति होता है। 

श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने बताया कि आज के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। पुराणों में लिखा है कि इस दिन पितरों को किया गया तर्पण तथा पिंड दान और किसी भी तरह का दान अक्षय फल प्रदान करता है गंगा स्नान करने के साथ ही भगवत पूजन से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

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