भारतीय संस्कृति का दिव्य रहस्यमय महापर्व है मकर संक्रांति : श्रीमहंत रविन्द्र पुरी

हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा कि मकर संक्रांति शुद्ध सनातन चेतन दिव्य भारतीय संस्कृति का दिव्य रहस्यमय महापर्व है। इस दिन सूर्यदेव काल चक्र की मकर राशि में प्रवेश कर जाते हैं। इस दिन तिल, खिचड़ी, गर्म वस्त्रों का दान अधिक पुण्यकारी होता है।
श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मकर संक्रांति स्नान पर्व पर गंगा स्नान को बहुत उत्तम माना गया है। यह पापों का प्रायश्चित करने का दिन है। इस दिन तिल के लड्डू बनाए जाते हैं। काले ओर सफेद तिल के लड्डू और तिल गंगा में अर्पित कर स्नान किया जाता है। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति को अपना दिव्य कमंडल भरकर और उसे जनमानस में बांटकर अकाल ग्रस्त लोगों की भूख मिटाकर महत्वपूर्ण बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति का पहला स्नान पर्व है इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। इस दिन गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के बाद सफेद, काले तिल का दान करने से मनोकामना पूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए ही मकर संक्रांति स्नान पर्व मनाया गया। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि शारीरिक दूरी सहित सरकार की गाइडलाइन का पालन करना चाहिए।