महा कुम्भ 2021रूरकी

बैरागी संतों ने किया अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद का गठन


सन्यासी अखाड़ों से तोड़े सभी संबंध

हरिद्वार।मंगलवार को संपन्न होने जा रहे कुंभ मेले के अंतिम शाही स्नान से एक दिन पूर्व वैष्णव संतों ने बड़ा निर्णय लेते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से अलग होने का ऐलान करते हुए अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद का गठन किया है। श्रीपंच दिगम्बर अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत रामकृष्ण दास नगरिया को नवगठित अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। जबकि श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज को राष्ट्रीय महामंत्री, श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज को राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष तथा निर्वाणी अनी अखाड़े के राष्ट्रीय महासचिव महंत गौरीशंकर दास महाराज को राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोनीत किया गया है।
बैरागी कैंप स्थित दिगंबर अखाड़े में हुई तीनों वैष्णव अखाड़ों के पदाधिकारियों तथा बैरागी संतो की बैठक में विचार विमर्श के उपरांत सर्वसम्मति से अखिल भाारतीय अखाड़ा परिषद से अलग होने तथा अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के गठन का फैसला किया गया। फैसले की जानकारी देते हुए वैष्णव अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महंत गौरीशंकर दास महाराज ने बताया कि लंबे समय से वैष्णव अखाड़ों की अलग अखाड़ा परिषद के गठन पर विचार किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में गिनती के लिए तेरह अखाड़े हैं। लेकिन वैष्णव अखाड़ों के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा था। सन्यासी अखाड़े कभी वैष्णव अखाड़ों के साथ नहीं आए। हरिद्वार कुंभ में जिस प्रकार का व्यवहार वैष्णव अखाड़ों के साथ किया गया। उससे आहत होकर अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के गठन का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि वैष्णव अखाड़ों के साथ अब तक जो अन्याय हुआ है। उसे जोरशोर से उठाया जाएगा। कुंभ समाप्ति की घोषणा करने के बाद अब सन्यासी अखाड़े किस मुंह से शाही स्नान की बात कर रहे हैं।
अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि पूरा साधु समाज आपस में गुरू भाई हैं। लेकिन अधिकारों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। वैष्णव संप्रदाय का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सन्यासी अखाड़ों द्वारा वैष्णव अखाड़ों के साथ जो व्यवहार किया गया। उससे आहत होकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से अलग होकर अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के गठन का निर्णय लिया गया है। जहां कहीं भी वैष्णव संप्रदाय के अधिकारों का हनन होगा पुरजोर तरीके से आवाज उठायी जाएगी।
अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के कोषाध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि रामजन्म भूमि ट्रस्ट में वैष्णव संप्रदाय को कोई स्थान नहीं दिया गया। केवल सन्यासी अखाडां को ही ट्रस्ट में रखा गया है। इस संबंध में अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद पूरे देश में आवाज उठायी जाएगी। इस संबंध में जल्द ही अयोध्या में बैठक का आयोजन भी किया जाएगा।
अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किए गए श्रीमहंत कृष्णदास नगरिया बाबा ने कहा कि बैेरागी संतों के हित के लिए वैष्णव अखाड़ा परिषद का गठन किया गया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा लगातार बैरागी संतों को उपेक्षित कर सौतेला व्यवहार किया जा रहा था। जिससे क्षुब्ध होकर समस्त वैष्णव संप्रदाय ने यह निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि वैष्णव संप्रदाय के हितों को ध्यान में रखकर कार्य करते हुए वैष्णव संप्रदाय को उन्नति की और अग्रसर किया जाएगा। इस अवसर पर महामण्डलेश्वर सांवरिया बाबा, श्रीमहंत दिनेश दास, महंत फूलडोल दास, महंत रास बिहारी दास, महंत गौरीशंकर दास, महंत सनत कुमार दास, महामण्डलेश्वर जनार्दन दास, महंत रामजी दास, महामण्डलेश्वर सेवादास, महामण्डलेश्वर साधना दास, महंत रामशरण दास, महंत प्रेमदास, महंत विष्णु दास, महंत प्रह्लाद दास, महंत रघुवीर दास, ब्रम्हांड गुरू अनंत महाप्रभु, महंत रामदास, महंत मोहन दास खाकी, महंत भगवान दास खाकी, महंत मनीष दास, महंत अवध बिहारी दास, महंत अर्जुन दास, महंत अगस्त दास आदि सहित बड़ी संख्या में बैरागी संत मौजूद रहे।

lakshyaharidwar

Lakshya Haridwar Pallavi Genral Store, Gali No -3 Birla Farm, haripur klan, Dehradun 9411111512

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button