उत्तराखंडहरिद्वार

तंत्र मंत्र, ध्यान, योग, साधना से मिलती है जीवन को सार्थक दिशा : श्रीमहंत रविन्द्र पुरी

मिश्री मठ में पंचदिवसीय पूर्णिमा एवं देवभूमि रजत महोत्सव के तृतीय दिवस के उपलक्ष्य में किया गया संत समागम का आयोजन

हरिद्वार, 06 नवम्बर। उत्तरी हरिद्वार स्थित प्रख्यात धार्मिक संस्था मिश्री मठ में पंचदिवसीय पूर्णिमा एवं देवभूमि रजत महोत्सव के तृतीय दिवस भव्य संत समागम का आयोजन किया गया।

पंचदिवसीय पूर्णिमा एवं देवभूमि रजत महोत्सव में संत समागम का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज, मिश्री मठ के परमाध्यक्ष करौली शंकर महादेव महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज, भारत हिन्दू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज, जूना अखाड़ा के पूर्व सचिव श्रीमहंत देवानंद सरस्वती महाराज, वैष्णव अखाड़े श्रीमहंत दुर्गादास महाराज ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। संत समागम की अध्यक्षता अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज एवं संचालन महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने किया।

संत समागम में महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने करौली शंकर महादेव महाराज के हजारों अनुयायियों को संबोधित करते हुए कहा कि तंत्र मंत्र, ध्यान योग, ध्यान साधना से मनुष्य जीवन को सार्थक दिशा मिलती है। हमारे जीवन के रोग, शोक, पितृ दोष समाप्त होकर जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने कहा कि रोग, शोक, पितृ दोष मुक्त भारत की कल्पना को साकार करने में करौली शंकर महादेव महाराज पूर्ण मनोयोग से समर्पित हैं। करौली शंकर महादेव उच्च कोटि के साधक होने के साथ-साथ दयालुता की साक्षात् प्रतिमूर्ति हैं।

भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज ने कहा कि करौली शंकर महादेव महाराज पूर्ण रूप से सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार-प्रसार को समर्पित होेन के साथ-साथ अपने जप, तप से साधकों को रोग, शोक, पितृ दोष से मुक्त कर धर्म के मार्ग पर चला रहे। सनातन धर्म संस्कृति को संरक्षित संवर्धित करने में करौली शंकर महादेव महाराज अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं।

बाबा बलराम दास हठयोगी जी महाराज ने कहा कि करौली शंकर महादेव के अनुयायी देश-दुनियां में फैले हुए हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण आज आप सभी हजारों की संख्या में साधकों से भरा हुआ यह पंडाल है। उन्होंने कहा कि करौली शंकर महादेव योग, मंत्र दीक्षा, ध्यान साधना के माध्यम से पितृ दोष, राष्ट्र को रोग, शोक, भ्रम, भय, नशा व ऋण से मुक्ति दिलाने हेतु जो अभियान चला रहे हैं वह अत्यन्त सराहनीय प्रयास है।

श्रीमहंत देवानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि करौली शंकर महादेव द्वारा सेवा प्रकल्पों के माध्यम से मानवता की सच्ची सेवा की जा रही है।

करौली शंकर महादेव जी महाराज ने कहा कि राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए नशा मुक्त भारत होना अत्यन्त आवश्यक है। नशा मुक्त भारत होने पर ही रोग, शोक से मुक्ति मिलेगी। उन्हांेने कहा कि आज पूज्य संतों का पावन आशीर्वाद संस्था के साथ-साथ देश भर से आये साधकों को भी मिला है।

संत समागम में महामंडलेश्वर बाबा हठयोगी, गोविंददेव, महामंडलेश्वर स्वामी दुर्गादास, श्रीमहंत देवानंद सरस्वती, श्रीमहंत राघवेन्द्र दास, श्रीमहंत गोविंद दास, निर्मल अखाड़े के महंत जसविन्दर सिंह, महंत रामविलास दास, श्रीमहंत रघुवीर दास, महंत भगतराम, महंत प्रहलाद दास, महंत हनुमानदास, संस्था के डॉ. उमेश सचान, अनिरूद्ध शर्मा, सतपाल सिंह आदि परिजनों ने आये हुए संतों व गणमान्यजनों का स्वागत व अभिनन्दन किया।

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