उत्तराखंडहरिद्वार

जो भी भगवान के सामने आ जाए उसका हो जाता है उद्धार: चित्रलेखा


: मंडी गोबिंदगढ़ में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में गोवर्धन पूजा कर लगाए छप्पन भोग


हरिद्वार। उत्तरी हरिद्वार स्थित मंडी गोबिंदगढ़ में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में गुरुवार को गोवर्धन पूजा की गई। इसके बाद छप्पन भोग लगाए गए। कथा में गोवर्धन पूजा, छप्पन भोग प्रसाद का वर्णन किया गया। जिसे सुनकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए।


कथा प्रवक्ता देवी चित्रलेखा ने बताया कि भगवान इन्द्र जब प्रकोप में थे तब उन्होंने वर्षा करके कहर बरपाया। चारों ओर हाहाकार मच गई। गांव जलमग्न होने लगे तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उंगली पर उठा लिया। इससे गांव के सभी लोग गोवर्धन पर्वत के नीचे आ गए और वहां शरण ली। भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र का मान नष्ट करके गिर्राज पूजा कराई थी। तब सभी बृजवासियों ने गोवर्धन पहुंचकर गोवर्धन पर्वत का पूजन किया और 56 भोग लगाया। कहा कि आज भी वृदांवन में बांके बिहारी को दिन में आठ बार भोग लगाया जाता है। पूरे सात दिन भगवान श्रीकृष्ण ने भूखे प्यासे गोवर्धन पर्वत को उठाए रखा था। कहा कि मन से नमन और मन से मनन करेंगे तो जिंदगी की सारी समस्याओं का हनन हो जाएगा।


मंडी गोबिंदगढ़ धर्मशाला के अध्यक्ष राजकुमार गोयल ने बताया कि कथा में गोवर्धन पूजा, छप्पन भोग प्रसाद का वर्णन किया। श्रद्धालुओं ने अपने अपने घरों से 56 प्रकार के भोजन बनाकर भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाए। कथा में पूतना उद्धार एवं बकासुर वध का वृतांत सुनाते हुए उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की जन्म व बाल लीलाओं का मार्मिक वर्णन किया।मुख्य यजमान अशोक कुमार गुप्ता,प्रभा गुप्ता,दीपक गुप्ता, श्रीप्रा गुप्ता,रामजी,जगदीश स्वरूप,राज गोयल, कृष्णा गोयल,भूषण गोयल,पवन कौशिक,राजेश गुप्ता,सुनीता गुप्ता,पवन कौशल,नीलम कौशल,निशा केवल गुप्ता ,सुनीता, राकेश गुप्ता, बाला,पवन सचदेवा रमा अग्रवाल, मीनाक्षी गुप्ता,आशीष दत्त आदि मौजूद रहे।

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