हरिद्वार के युवा संतो ने गुप्तानन्द् वेदांत आश्रम मे बैठक कर वार्ता करी जिसमें भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष द्वारा युवा संत को लेकर अशोभनीय टिप्पणी पर रोष व्यक्त करते हुए आलाकमान से संत का अपमान करने वाले मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी को पद विमुक्त करने हेतु माँग की गई।
इस मौके पर युवा महंत लोकेश दास ने ओमानन्द् के वक्तव्य का समर्थन करते हुए कहा भा ज पा के पदाधिकारियों से बहस कार्यक्रम के दौरान सवाल करना क्या गलत है बहस करते वक्त अगर पदाधिकारियों को अपने पद के गरिमा का आभास नहीं है तो यह कैसा संगठन हरिद्वार मे भा ज पा का चल रहा है जहाँ एक मंडल अध्यक्ष युवा संत को शेर की खाल मे छुपे भेड़िये का करार दे रहा है। उन्होंने कहा कि 4 घंटे बीत जाने के बाद युवा संत का अपमान पर मंडल अध्यक्ष न अपनी गलती मान् रहा है। जबकि प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने स्वयम् आश्रम पहुँच कर ऐसे व्यक्ति को गलत बता कर माफ़ी मांगी। अश्वासन दिया था की मंडल अध्यक्ष भी आपके पास आकर आपका सम्मान करेंगे। परन्तु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।
महंत ओमानन्द् ने बताया बहस के बाद भी भा ज पा मंडल अध्यक्ष ने 2 बार आगे बड कर लॉगो के छूट छुड़ाव् करने के पश्चात् धमकी देते हुए गए मैं तुझे देख लूँगा। क्या हिन्दू हिन्दू करने वाली पार्टी क्या हिन्दू धर्म के वाहक संत को इस प्रकार का टिप्पणी देगी और पार्टी ऐसे पदाधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं करेगी यह कैसा दोहरा व्यवहार हरिद्वार मे पार्टी का देखने को मिल रहा है आज मुझे दुःख है की मैं ऐसे पार्टी का समर्थन करता हूँ अगर यह मंडल अध्यक्ष पद से विमुक्त नहीं होते तो यह पार्टी का दोहरा चरित्र् ही समझा जाएगा।
इस मौके पर समाजिक सेना के राष्ट्रीय प्रमुख स्वामी विनोद महाराज ने भी इस प्रकरण कि घोर निंदा करी साथ है ऐसे वक्तव्य देने वाले मंडल अध्यक्ष के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु आग्रह किया और ऐसा ना किया जाने के पर संत का अपमान बर्दास् नहीं करेंगे कहकर आंदोलन करने की चेतावनी दी।
इस मौके पर युवा संत प्रेमदास जी महाराज, प्रेमानंद जी, महंत शिवानंद जी, अरुण दास जी, अमृतानंद जी,गोविन्द जी,अखिलेश मुनि जी,ऋषभ वाशिष्ठ,प्रवीण जोशी आदि जन मौजूद रहे।