उत्तरकाशी के लिमचिगाढ़ में रात भर बैली ब्रिज बनाने में जुटे रहे जवान

*मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में युद्ध स्तर पर चल रहा है पुर्नवास का कार्य*
उत्तरकाशी आपदा के बाद राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के लिए सेना, प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल लगातार मोर्चे पर डटे हुए हैं। लिमचिगाढ़ में क्षतिग्रस्त मार्ग पर आवाजाही बहाल करने के लिए जवान पूरी रात बैली ब्रिज बनाने में जुटे रहे। कठिन पहाड़ी परिस्थितियों और प्रतिकूल मौसम के बावजूद जवानों ने बिना रुके कार्य किया, ताकि आपदा प्रभावित इलाकों में जल्द से जल्द आवागमन शुरू हो सके।
इस बीच, आपूर्ति और राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए भारतीय वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर भी लगातार योगदान दे रहे हैं। एक चिनूक ने जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से जनरेटर सेट लेकर उड़ान भरी, वहीं दूसरा चिनूक धरासू से जनरेटर लेकर हर्षिल के लिए रवाना हुआ। ये जनरेटर प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए भेजे जा रहे हैं।