देश व समाज को समर्पित है श्री शिव महापुराण कथा : सत्यात्मानंद गिरि


- 26अप्रैल को 60वे जन्मदिन के अवसर पर होगा 61कन्याओं का विवाह महोत्सव का आयोजन
हरिद्वार / सप्तऋषि मार्ग पर चंडीगढ़ भवन में श्रीशिव महापुराण कथाा का भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ महामंडलेश्वर स्वामी सत्यात्मानंद गिरि द्वारा किया गया, बाल योगी पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी सत्यात्मानंद गिरि महाराज ने शिव महापुराण कथा के तृतीय दिन नारद मोह की कथा का श्रद्धालु भक्तों को श्रवण कराते हुए कहा कि कुंभ के पुण्य अवसर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा, श्रीराम कथा, श्रीशिव महापुराण देश व समाज के कल्याण को समर्पित हैं, महामंडलेश्वर स्वामी सत्यात्मानंद गिरि महाराज ने कहा कि मनुष्य के अंदर ममता कभी भी जागृत हो सकती है संत बन जाने पर भी ममता जाग जाती है मनुष्य सब कुछ छोड़ सकता है लेकिन ममता का परित्याग नहीं कर सकता है, उन्होंने ने कहा कहा कि जो भक्ति अहंकार युक्त होती है वह संसार की ओर ले जाती हैं और जो भक्ति अहंकार मुक्त होती है वह परमात्मा की ओर ले जाती है नारद जी के अंदर अहंकार का भाव आने पर ममता का भाव जागृत हो गया और उन्होंने विवाह करने का मन बना लिया किंतु सन्यासी का विवाह से कोई संबंध नहीं होता है नारद जी एक परमात्मा रुपी संत समान हैं, उन्होंने ने कहा कि मनुष्य को ममता के बंधन का परित्याग करना चाहिए तभी परमात्मा की प्राप्ति हो सकती है, महामंडलेश्वर सत्यात्मानंद गिरि महाराज ने कहा कि अपने 60वें जन्मदिन के अवसर पर 26अप्रैल को 61कन्याओं का विवाह महोत्सव का आयोजनकर कन्याओं व परिवार के कल्याण के लिए आयोजित होगा,, इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक बलवीर गर्ग, सुरेश गोयल नायब सिंह सैनी, विशंभर प्रसाद, गणेश प्रसाद, महेश गर्ग, संजय अरोड़ा, ब्रजपाल चौधरी, सोनू खन्ना, अनीश मंगला, अशोक बंसल, राजीव जैन, सोहन गोपाल, रामबाबूूूू, तिलकराज, लखनलाल, रूद्रप्रसाद, सुरेश कुमार, लब्बू राम, सतीश अग्रवाल, बलबीर गर्ग, सूरजभान आदि श्रद्धालु भक्तोंं ने कथा व्यास बाल योगी पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी सत्यात्मानंद गिरि महाराज का माल्यार्पण कर का श्रवण किया,