देहरादून ( जतिन शर्मा )
“गढ़वाल महासभा ने जोरदार तरीके से उठाई मांग संबधित विभाग ने आखों पर पट्टी बांधी , जनप्रतिनिधि खामौश”।। "आजादी के अमृत महोत्सव पर लगा सवालिया निशान" , अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के अध्यक्ष ड़ॉ राजे नेगी ।।
उतराखंड की राजधानी देहरादून के अंतर्गत योग नगरी ऋषिकेश की हद्वय स्थली त्रिवेणी घाट का बहद ऊंचा पोल जिस पर देश की आन , बान और शान का प्रतीक तिंरगा लहराता था सूना पड़ा है ।
इससे शहर के देशभक्त लोगों में प्रशासन और सरकारी नुमाइंदों के खिलाफ आक्रोश का माहौल व्याप्त है ।
विडंबना यह है कि एक और जहां देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव को लेकर पूरे देश को तिरंगे से सजाने की कवायद शुरू हो चुकी है वहीं दूसरी और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन योग नगरी ऋषिकेश के गंगा तट त्रिवेणी घाट पर 101 फुट की ऊचाई पर लहराने वाला तिरंगा पिछले काफी अर्से से पोल से हट रखा है । इससे शहर के देशभक्त लोगों की भावनाएं बुरी तरह आहत हो रही हैं ।
अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के अध्यक्ष ड़ॉ राजे नेगी का कहना है कि देश में सबसे ऊंचा तिरंगा झंडा लहराने की प्रतिस्पर्धा मची हुई है , लेकिन हवा से झंडे को बचा पाना मुश्किल हो रहा है । देश की आन ,बान और शान का प्रतीक तिरंगा कैसे सुरक्षित रखा जाएगा , इस पर कहीं भी विचार नहीं हो रहा है ।
त्रिवेणी घाट पर लहराने वाला तिरंगा भी व्यवस्थाओं का शिकार हुआ है । ड़ॉ राजे नेगी का कहना है की जब झंडे को हवा-पानी से बचाने की बात आ रही है तो जिम्मेदार महकमों की पोल खुल जाती है । उनका कहना हैै कि तेज धूप, हवा और पानी के कारण मजबूत से मजबूत कपड़ा ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाता इसलिए उसका बेहद ध्यान रखना पड़ता है । उन्होंने जल्द से जल्द नगर की हद्वय स्थली के पोल पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लगाने की मांग की है । बताते चलें कि कुछ माह पूर्व ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर एमडीडीए की ओर से स्थापित 101 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अनावरण तत्कालीन उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और नगर निगम महापौर अनिता ममगाईं द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था ।