अरुणाचल में जड़ी-बूटियों का अकूत भंडार: आचार्य बालकृष्ण
अरुणाचल में पतंजलि की सेवाओं के विस्तार से प्रदेश विकास के पथ
पर अग्रसर होगा: मामा तानुंग
हरिद्वार, 18 जून। आज अरुणाचल प्रदेश सरकार का प्रतिनिधि मण्डल पतंजलि योगपीठ पहुँचा जिसकी अध्यक्षता अरुणाचल प्रदेश के माननीय वन और पर्यावरण मंत्री मामा नातुंग ने की। प्रतिनिधि मण्डल में अरुणाचल प्रदेश सरकार के डिप्टी रेजिडेंट कमिश्नर संगीत दूबे भी शामिल रहे। पतंजलि पहुँचने पर महामंत्री आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कैबिनेट मंत्री को रुद्राक्ष माला व शॉल भेंट कर भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर पूज्य आचार्य जी तथा कैबिनेट मंत्री के मध्य वन संरक्षण, जड़ी-बूटी संवर्द्धन व पर्यावरण संतुलन आदि विविध विषयों पर विस्तृत वार्ता हुई।
भेंटवार्ता में पूज्य आचार्य जी ने कहा कि अरुणाचल वनों का प्रदेश है। यह जड़ी-बूटियों का अकूत भंडार है। अरुणाचल के जंगलों में दुर्लभ जड़ी-बूटियाँ हैं जो विविध असाध्य रोगों में कारगर हैं। उन्होंने कहा कि वनों का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है। आज चन्द पैसों के लालच में वनों का दोहन हो रहा है जो हमारे भविष्य के लिए सही नहीं है। हमें वनों का संरक्षण करना है। इसके लिए विशेष कार्ययोजना बनाकर सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने की आवश्यकता है।
वार्ता में कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पतंजलि की सेवापरक गतिविधियों का लाभ प्रदेश की जनता को मिला है। युवाओं को रोजगार के अवसर भी सुलभ हो रहे हैं। सिजुसा में आचार्यकुलम् का निर्माण होने से क्षेत्र के बच्चों को उचित शिक्षा मिल रही है। उन्होंने पूज्य आचार्य जी ने आग्रह किया कि पतंजलि अपनी सेवाओं को प्रदेश में विस्तारित करे। इससे प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर होगा।
मंत्री महोदय के साथ प्रतिनिधि मण्डल ने पतंजलि के विविध परिसरों का भ्रमण किया। उन्होंने पतंजलि की सेवापरक गतिविधियों के विस्तार को देखकर सराहना की।