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आन्दोलनकारी स्व. डॉ श्रीराम शर्मा के पुत्र को माल्यार्पण ,शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया !

प्रदेश महामंत्री अन्नू कक्कड ने 25 जून 1975 को तत्कालीन कांग्रेस द्वारा देश मे आपातकाल लगाए जाने के समय जेल भेजे गए आन्दोलनकारी स्व. डॉ श्रीराम शर्मा के पुत्र को माल्यार्पण ,शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया !

आज 25 जून को भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश महामंत्री श्रीमती अन्नू कक्कड ने उत्तरी हरिद्वार निकट हरकीपौडी सुभाष घाट पहुंच कर 1975 में इमरजेंसी के समय 26जून को हरिद्वार बड़ा बाजार टिहरी हाउस निवासी स्व.डॉ श्री राम शर्मा जो उस इमरजेंसी में जेल भेज दिए गए थे उनके पुत्र डॉ राजकुमार शर्मा जो सुभाष घाट स्थित भारत स्काउट एंड गाइड पर धर्मार्थ चिकित्सालय चलाकर अपनी निःशुल्क सेवाएं देते हैं उनकों माल्यार्पण, शॉल ओढ़ाकर,स्मृति चिन्ह देकर समानित कर डॉ श्री राम शर्मा जी को श्रद्धांजलि देकर नमन करते हुए उनके पुत्र राजकुमार से उनके पिता के जेल जाने के बाद उस समय उन और उनके परिवार को कैसी कैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा ! उनके पुत्र राजकुमार ने बताया की 26 जून को दोपहर 12:30 बजे के करीब उनके घर पुलिस उनके पिता की गिरफ्तारी के वारंट लेकर पहुंची उस समय घर में मेरी माता जी स्व. श्रीमति पदमनी शर्मा और मेरी तीन बहने मौजूद थे पुलिस उनको गिरफ्तार करके हरिद्वार कोतवाली ले गयी औऱ उनको डी आई आर रुड़की जेल भेज दिया गया एक महीने वह रुड़की जेल में रहें उसके बाद उन्हें सहारनपुर जिला कारागार भेज दिया गया ! डॉक्टर राम शर्मा जन संघ की शाखा को संचालित करते रहते थे एवं मंदिर शाखा की नींव भी उन्होंने ही रखी थी जो आज तक यथावत चल रही है उनके पुत्र राजकुमार शर्मा ने बताया कि 23फरवरी 1999 में पिता का स्वर्गवास हो गया था आज भी उनके द्वारा किए गए अनेक कार्य स्मरणीय हैं मैं उनको नमन करता हूँ ! और भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं का जिन्होंने आज मुझे इतना मान सम्मान और मेरे पिता को श्रद्धांजलि अर्पित की है उनका मैं धन्यवाद करता हूं! प्रदेश महामंत्री अन्नू कक्कड ने स्वर्गीय डॉक्टर श्रीराम शर्मा को नमन करते हुए उनके पुत्र डॉक्टर राजकुमार शर्मा को समानित कर नमन किया और कहा कि सन् 1975 ,स्वतंत्र भारत के इतिहास में तत्कालीन सरकार द्वारा लगाया गया ‘आपातकाल’ सबसे वीभत्स, विवादास्पद और अलोकतांत्रिक कालखण्ड है।
आपातकाल के दौरान राजनैतिक स्वार्थ सिद्धि के लिए जन-जन की आवाज बंद कर दी गयी। सिद्धांतों और मानवीय गुणों को स्वाहा कर कांग्रेस विरोधी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों का निर्ममता और मनमाने ढंग से दमनकर, भारतीय संविधान की पूर्णतया अवहेलना हुई तथा लोकतांत्रिक मूल्य शून्य कर दिए गए।
तत्कालीन लोकतांत्रिक व्यवस्था को पुन: स्थापित करने में, देश की सेवा और सुरक्षा हेतु अपना सर्वस्व अर्पित करने वाले समस्त सत्याग्रहियों एवं देशवासियों को सादर नमन।
इस अवसर पर सप्त ऋषि मंडल की महिला मोर्चा की मंडल अध्यक्ष श्रीमती पूनम माखीजा, गगन नामदेव ,युवा भाजपा नेता दीपांशु विद्यार्थी एवं युवा भाजपा नेता विशाल गोस्वामी आदि उपस्थित रहे !

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