त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे विश्वनाथ पुरी: कौशिक


: ब्रह्मलीन बाबा विश्वनाथ पुरी की स्मृति में 32 वें भंडारे का आयोजन किया
: तपस्वी और सिद्ध संत थे बाबा विश्वपुरी : रविपुरी

हरिद्वार। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि बाबा विश्वनाथ पुरी तपस्या और त्याग की प्रतिमूर्ति थे। संतों का जीवन परोपकार के लिए होता है।

उन्होंने ये बातें प्राचीन श्री हनुमान मंदिर हनुमान घाट पर ब्रह्मलीन बाबा विश्वनाथ पुरी की स्मृति में आयोजित भंडारा कार्यक्रम के दौरान कहीं। प्राचीन श्री हनुमान मंदिर हनुमान घाट पर ब्रह्मलीन बाबा विश्वनाथ पुरी की स्मृति पर 32 वा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम से पूर्व सुंदरकांड का पाठ के बाद हवन किया गया। मेयर अनिता शर्मा ने कहा कि ब्रह्मलीन बाबा विश्वनाथ पुरी जी के बताए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। अपर मेलाधिकारी ललित नारायण मिश्रा ने कहा कि संतों ने हमेशा समाज के लिए अपना योगदान दिया है। हनुमान मंदिर के महंत रवि पुरी ने कहा कि बाबा विश्वनाथ पुरी तपस्वी व सिद्ध संत थे। उनके बताए हुए मार्ग का अनुसरण बखूबी से किया जा रहा है। इस अवसर पर श्रीमहंत राम रतन गिरी, महंत लखन गिरी, श्रीमहंत धर्मराज भारती, श्रीमहंत राधे गिरी, महंत राम रतन पुरी, दिगंबर राजपुरी, पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, एसएमजेएन पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार, मुरारी लाल गुप्ता, कृष्ण शर्मा, संदीप अग्रवाल, हेमंत टुटेजा, सुंदर राठौर, पार्षद विनीत जोली, पूर्व पार्षद अमन गर्ग, श्याम अरोड़ा, पुष्पी, नवीन कुमार, सौरव बंसल, बाल मुकुल शर्मा, अंकित गोयल आदि उपस्थित रहे।