हरिद्वार। छात्रों का भौतिक सत्यापन किए बिना ही संस्थान द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के आधार पर छात्रवृत्ति देने की संस्तुति करने वाले तत्कालीन सहायक समाज कल्याण अधिकारी व वर्तमान में डंडा ब्लॉक उत्तरकाशी में एबीडीओ के पद पर तैनात दिनेश जोशी को एसआईटी टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी सोमवार को अपना पक्ष रखने के लिए हरिद्वार स्थित एसआईटी कार्यालय में आया था। जहां पर संतोषजनक जवाब न देने के बाद एसआईटी टीम ने कार्रवाई की है।
एससी-एसटी छात्र-छात्राओं के फर्जी प्रवेश दर्शाकर फीत प्रतिपूर्ति के रूप में करोड़ों रुपये के गबन किए जाने की जांच एसआईटी द्वारा की जा रही है। इस मामले में पुलिस कई शिक्षण संस्थान के संचालकों व अधिकारियों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इसी क्रम श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी एनएच-58 रुड़की रोड बाईपास मेरठ को जिला जिला समाज कल्याण अधिकारी देहरादून के द्वारा 2012-13 व 2014-15 तक छात्रवृत्ति की धनराशि 14580700 रुपये प्रदान की गई थी। जिसमें अनियमिता पाए जाने पर एसआईटी द्वारा थाना डालनवाला में मुकदमा दर्ज कराया गया था। वर्ष 2013-14 के छात्रवृत्ति मांगपत्र का सत्यापन तत्कालीन सहायक समाज कल्याण अधिकारी दिनेश जोशी ने किया था। जिसमें छात्रों को 7542800 रुपये प्रदान किए थे। लेकिन छात्रों को इस संस्थान ने अपने यहां प्रवेश व खातों की कोई जानकारी नहीं दी थी। दिनेश जोशी को सोमवार को अपना पक्ष रखने के लिए एसआईटी कार्यालय हरिद्वार आया था। पक्ष रखने के दौरान उसने बताया कि उसके द्वारा छात्रों का भौतिक सत्यापन नहीं किया गया था। संस्थान के द्वारा उपलब्ध कराए गए कागजों के आधार पर ही उसने छात्रवृत्ति हेतू पात्र पाए जाने की संस्तुति कर दी थी। पर्याप्त साक्ष्य न पाए जाने पर दिनेश जोशी को एसआईटी के विवेचक मनोज असवाल व आरक्षी पंकज चौहान ने गिरफ्तार कर लिया।